फर्जी आधार कार्ड लगाकर 20 बीघा जमीन की रजिस्ट्री कराई, 12 लोगों पर एफआईआर
11 लोग नामजद हैं, जबकि जिस महिला को खड़ा कर रजिस्ट्री की गई, उसकी पहचान नहीं हो सकी है। इस तरह पुलिस ने 12 लोगों को आरोपित बनाया है। जमीन सुधा सेंगर क ...और पढ़ें
Publish Date: Fri, 19 Dec 2025 05:44:47 PM (IST)Updated Date: Fri, 19 Dec 2025 05:48:03 PM (IST)
ग्वालियर में सामने आया फर्जीवाड़ा।HighLights
- जब यह महिला जमीन पर पहुंची तो दूसरों का कब्जा मिला
- पुलिस ने जांच के बाद 12 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है
- धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने की धाराएं दर्ज
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। घाटीगांव क्षेत्र में 20 बीघा जमीन फर्जीवाड़ा कर हड़प ली गई। जिस महिला के नाम यह जमीन थी, उस महिला की जगह किसी दूसरी महिला को खड़ा कर दिया गया। महिला के नाम का ही आधार कार्ड तैयार कर दूसरी महिला से रजिस्ट्री करा दी गई।
जब महिला जमीन पर पहुंची तो दूसरों का कब्जा मिला। इस मामले में शिकायत की गई। यूनिवर्सिटी थाना पुलिस ने जांच के बाद 12 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने सहित अन्य धाराओं में एफआईआर की है।
11 लोग नामजद हैं, जबकि जिस महिला को खड़ा कर रजिस्ट्री की गई, उसकी पहचान नहीं हो सकी है। इस तरह पुलिस ने 12 लोगों को आरोपित बनाया है। जमीन सुधा सेंगर के नाम है।
सुधा सेंगर ने पुलिस को बताया कि उनकी 20 बीघा जमीन को शातिर तरीके से हड़पा गया है। उनकी जगह किसी दूसरी महिला को सुधा सेंगर बनाकर रजिस्ट्रार कार्यालय में प्रस्तुत किया गया। इस जमीन को बेच दिया गया। जमीन खरीदने वालों सहित 12 लोगों पर पुलिस ने एफआइआर दर्ज की है।
इन लोगों पर हुई एफआईआर
जितेंद्र पुत्र देवी सिंह रावत निवासी ग्राम सेकरा, घाटीगांव, उपेंद्र पुत्र मोहन सिंह रावत निवासी घाटीगांव, हेमंत पुत्र मोहन सिंह रावत निवासी घाटीगांव, मंगलसिंह रावत पुत्र घनसुंदर सिंह रावत, छत्रपाल पुत्र चंदन रावत निवासी घाटीगांव, शैलेंद्र पुत्र ओमप्रकाश शर्मा निवासी घाटीगांव, हाकिम पुत्र डीलन सिंह रावत निवासी घाटीगांव, वीरेंद्र सिंह पुत्र नारायण सिंह रावत निवासी घाटीगांव, अरविंद पुत्र राजेंद्र सिंह रावत निवासी आरोन, दिनेश पुत्र मंगल सिंह रावत निवासी करही, किरण बाई पत्नी मोहन सिंह रावत निवासी सेकरा आरोन।
रजिस्ट्रार कार्यालय की भूमिका पर सवाल
इस मामले में रजिस्ट्रार कार्यालय की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। दूसरी महिला को खड़ा कर रजिस्ट्री करा दी गई। रजिस्ट्रार कार्यालय के अधिकारियों ने इसे क्यों नहीं पकड़ा। सामने आया है कि आधार कार्ड भी फर्जी लगाया गया है। रजिस्ट्री करने वाली महिला और आधार कार्ड में दिख रही महिला अलग-अलग हैं।