Achleshwar temple: तीन करोड़ की लागत से हुआ पुर्न निर्माण अचलेश्वर मंदिर का, 37 किलो चांदी से बनी है जलहरी
तीन करोड से भगवान अचलनाथ के मंदिर को बनाया गया और नई चांदी की जलहरी वाराणाशी से मंगाई गई। इसके बाद मंदिर में शिव परिवार की पुर्न प्रतिष्ठा कराई गई है। भोलेनाथ की जलहरी का निर्माण 37 किलो चांदी से किया गया है। सोमवार को मंदिर का लोकार्पण किया गया और मंदिर भक्तों के लिए पूरी तरह से खोल दिया गया।
Publish Date: Tue, 16 Jul 2024 11:43:25 AM (IST)
Updated Date: Tue, 16 Jul 2024 12:06:55 PM (IST)
अचलेश्वर मंदिर पर जलहरी लगने के बाद पुन: प्राण प्रतिष्ठा की गईHighLights
- तीन करोड़ से बना है अचलेश्वर मंदिर व जलहरी
- शिव परिवार की प्राण प्रतिष्ठा हुई
- छप्पन भोग लगे,फूल बंगला सजा
नईदुनिया प्रतिनिधि,ग्वालियर। तीन करोड़ 11 लाख रुपये की लागत से निर्मित अचलेश्वर मंदिर व 37 किलो चांदी की जलहरी का लोकार्पण भड़ली नवमी के अबूझ मुहूर्त में किया गया।इस शुभ अवसर पर विधि-विधान के साथ शिव परिवार की प्राण प्रतिष्ठा की गई।सादगी के साथ किये गये लोकार्पण में भगवान अचलनाथ को छ्प्पन भोग अर्पित करने के साथ महाआरती की गई।
प्राण प्रतिष्ठा का विधान रविवार की शाम से शुरु हो गया था। लोकार्पण के अवसर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश डीसी बसंल, मंदिर संचालन समिति के अध्यक्ष व सेवा निवृत्त न्यायाधीश एनके मोदी, सभापति मनोज तोमर, नेता प्रतिपक्ष हरिपाल सहित न्यास के पूर्व पदाधिकारी मौजूद थे।मंदिर संचालन समिति का कहना है कि लोकार्पण के बाद शेष बचे कार्यों को श्रवण मास से पूर्ण किया जायेगा।
शिव परिवार की पुर्न प्रतिष्ठा
आचार्य छोटे शुक्ला, गौरव शर्मा व गगन कटारे सहित 11 वेदपाठी ब्राह्मणों ने वैदिक मंत्रोच्चरण के साथ शिव परिवार में माता पार्वती, श्री गणेश व नंदी महाराज की जयपुर से मंगाईं की प्रतिमाओं को जलाधिवास, फलाधिवास, सुगंधिवास, अन्नाधिवास, फूलाधिवास कराने के बाद सोमवार को पंचामृत से अभिषेक किया गया। इसके बाद शिव परिवार को भगवान अचलनाथ के पास विराजित कराया गया और नेत्रों से पट्टी खोली गई।पूजा अर्चना मुख्य यजमान रामस्वरूप राकेश अग्रवाल ने की।इसके अलावा जलहरी के लिए चांदी के दान देने वाले श्रद्धालुओं को भी लोकार्पण समारोह में बुलाया गया था।
फूलों से सजा मंदिर
- लोकार्पण के लिए मंदिर के गर्भगृह को आकर्षण ढंग सजाया गया था।शाम को प्राण प्रतिष्ठा के बाद महाआरती के बाद भंडारे का आयोजन किया गया। बुधवार को भगवान अचलनाथ जल अर्पित कर सकेंगे श्रद्धालु- मंदिर के प्रबंधक वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि मंगलवार को श्रद्धालु बाहर से ही दर्शन कर सकेंगे। बुधवार को देवशयानी एकादशी को मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिये खुल दिये जायेंगे।
श्रद्धालु भगवान अचलनाथ को जल भी अर्पित कर सकेंगे।लोकार्पण के अवसर रमेश चंद्र लल्ला, सनातन धर्म मंदिर के प्रधानमंत्री महेश नीखरा, पूर्व अध्यक्ष महेश मुदगल, हरिदास अग्रवाल, नरेंद्र सिंघल,राकेश पाराशर, विजय कब्जू, महेंद्र भदकारिया सहित काफी संख्या में मौजूद थे।