नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। छिंदवाड़ा में कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले के बाद केंद्र और राज्य सरकारें अलर्ट हो गई हैं। प्रदेश सरकार ने संदिग्ध कफ सिरप की बिक्री और डिस्ट्रीब्यूशन पर तत्काल रोक लगा दी है। इसी के तहत ग्वालियर में स्वास्थ्य विभाग और औषधि प्रशासन सक्रिय हो गया है। औषधि निरीक्षक अनुभूति शर्मा ने सभी दवा विक्रेताओं से स्टॉक रिपोर्ट मांगी है। हालांकि अब तक ग्वालियर में इस सिरप की सप्लाई नहीं हुई है और न ही यह सरकारी अस्पतालों के स्टॉक में पाई गई है। बावजूद इसके सभी मेडिकल स्टोर्स की जांच की जाएगी।
औषधि निरीक्षक ने बताया कि अब तक सिरप की बिक्री से जुड़ा कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है, फिर भी निगरानी रखी जा रही है ताकि किसी भी संभावित खतरे से बचा जा सके। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सचिन श्रीवास्तव ने बताया कि केंद्र सरकार की एडवाइजरी में स्पष्ट कहा गया है कि 2 साल से छोटे बच्चों को खांसी-जुकाम की दवा न दें। पांच साल से कम उम्र के बच्चों को भी दवा सिर्फ विशेषज्ञ की सलाह से ही दी जाए। बड़ों को भी दवा बहुत कम डोज में और डॉक्टर की सलाह से ही दी जानी चाहिए।
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एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि बच्चों को खांसी-जुकाम होने पर पहले घरेलू नुस्खों और दवा रहित उपायों को अपनाएं। सभी हॉस्पिटल, मेडिकल स्टोर और हेल्थ सेंटर से कहा गया है कि वे केवल गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस वाली सुरक्षित और प्रमाणित दवाएं ही खरीदें व बच्चों को दें।