ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। जयविलास पैलेस से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित जीवाजी क्लब का 124 वर्ष का अपना स्वर्णिम इतिहास रहा है। एक वर्ष बाद यह क्लब सवा सौ वर्ष का हो जायेगा।हालांकि यह क्लब अभिजात्य (धनाढ्य वर्ग) के मनोरंजन का केंद्र हैं। क्लब में मनोरंजन के सभी अत्याधुनिक संसाधन मौजूद हैं। क्लब,व्यापारिक व सामाजिक वर्ग के लोगों के मुलाकात का केंद्र हैं। 29 अक्टूबर को जीवाजी क्लब के संचालन के लिए नवीन कार्यकारिणी का चुनाव है। वर्तमान क्लब में 2700 सदस्य हैं।
चुनाव अधिकारी एवं वरिष्ठ अभिभाषक केजी दीक्षित व बीके शर्मा ने बताया कि जीवाजी क्लब, जयविलास पैलेस के पास कुछ ही दूरी पर बना है। तत्कालीन ब्रिटिश रेजीमेंट जनरल के प्रयास से सन 1898 में एलिग्न लार्ड के नाम पर इसका नाम एलिग्न क्लब किया गया। उस दौर के तत्कालीन रईस-जागीरदार और अधिकारी स्तर के लोग फुरसत के क्षणों में मनोरंजन के लिए आते थे। क्लब में केवल सिंधिया राजपरिवार के सरदार व उनके परिवारों व अंग्रेज अफसर ही यहां मनोरंजन करने के लिए आते थे।
सन 1936 तक यह क्लब एलिग्न के नाम से जाना जाता रहा।उसके बाद सिंधिया रियासत के के अंतिम शासक जार्ज जीवाजीराव के नाम पर इसका रखा गया। तब से देश में नहीं विदेशों में जीवाजी क्लब के अपना नाम और प्रतिष्ठा है।
जीवाजी क्लब में कार्ड रूम से लेकर मनोरंजन के अत्याधुनिक साधन मौजूद हैं। क्लब हाल में लोकार्पित स्विमिंग पुल,जिम, टेनिस कोर्ट ,स्नूकर बिलियर्डस सहित कई गेंम खेले जा सकते हैं।यह खेलने की अनुमति केवल क्लब के सदस्यों को है।क्लब में प्रवेश केवल सदस्यों के परिवार व उनके गेस्ट को है।क्लब का अपना गेस्ट हाउस व दो मैरिज गार्डन हैं। क्लब में बार के साथ रेस्ट्रोरेंट भी है।परिवार के लिए प्रथक से रेस्ट्रोरेंट है।
जीवाजी क्लब के प्रवेश विशाल द्वार से होती है। कुछ ही दूरी पर सुरक्षा गार्ड तैनात रहते थे। यहां परिचय देने के बाद ही प्रवेश मिलता है। बाहर से भव्य एवं प्राचीन भव्य क्लब की इमारत नजर आती है। क्लब के प्रवेश द्वारा जीवाजी राव सिंधिया की प्रतिमा है। इसी के पास क्लब की स्थापना का बीजक लगा हुआ। इसके राइट साइड में जिम स्विमिंग पुल है। लेफ्ट साइड में टेनिस कार्ट व अन्य इनडोर गेंम खेलने का स्थान है। क्लब के प्रवेश करते ही आफिस है। उसके बड़े हाल में प्रवेश होता है। इसके राइट हैंड पर रेस्ट्रोरेंट व लेफ्ट साइड अध्यक्ष व सचिव के आफिस के साथ बार है। हाल में सिंधिया राजपरिवार की छायाचित्र लगे हैं। हाल से निकलते ही लान पहुंच जाते हैं। इसके पहली मंजिल पर कार्ड रूम है।
पहले क्लब में सदस्य राज दरबार से जुड़े सरदार ही इसके सदस्य हैं। आज भी परंपरागत रूप से सरदारों के वारिश सदस्य हैं।आजादी के बाद आमजन के लिए इसकी सदस्यता के द्वार खोल दिये गये। अब क्लब के सदस्य नगर के व्यापारी अभिजात्य वर्ग है। पहले नगर में पदस्थ आइएएस व आइपीएस अधिकारी क्लब के संचालन की व्यवस्था संभालते थे। अब क्लब का संचालन सदस्यों द्वारा निर्वाचित कार्यकारिणी द्वारा किया जाता है। वर्तमान में क्लब के 2700 सदस्य है। मत देने का अधिकार 1713 सदस्यों को ही है।