बिजली बिल में होगी भारी बचत! रीवा के बाद अब ग्वालियर नगर निगम कराएगा एनर्जी ऑडिट
MP News: नगरीय निकायों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने नवाचारों पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में नगरीय निकायों के बिजली का खर्च कम कराने के लिए एनर्जी आडिट कराया जा रहा है।
Publish Date: Fri, 12 Sep 2025 11:37:23 AM (IST)
Updated Date: Fri, 12 Sep 2025 12:37:51 PM (IST)
Gwalior Municipal CorporationHighLights
- ग्वालियर में एनर्जी ऑडिट की टेंडर प्रक्रिया शुरू।
- रीवा के बाद ग्वालियर नगर निगम दूसरा शहर है।
- 15 साल पहले भी ऑडिट कराया जा चुका है।
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। नगरीय निकायों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने नवाचारों पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में नगरीय निकायों के बिजली का खर्च कम कराने के लिए एनर्जी आडिट कराया जा रहा है।
रीवा के बाद ग्वालियर नगर निगम दूसरा शहर है, जिसने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए एनर्जी ऑडिट की टेंडर प्रक्रिया शुरू की है। ग्वालियर नगर निगम इस कार्य के लिए 1.67 करोड़ रुपये खर्च करेगा, जिसमें स्ट्रीट लाइट के साथ ही वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, बोरिंग, सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, सुलभ काम्प्लेक्स, निगम के कार्यालयों में आने वाले हर माह के सात से आठ करोड़ रुपये के बिल को कम कराने की दिशा में कार्य कराया जाएगा।
15 साल पहले भी एक बार इस तरह का ऑडिट कराया जा चुका है। लेकिन इस बार ऑडिट करने वाली निजी एजेंसी ही बिजली के बिल की राशि को कम कराने के न सिर्फ तरीके बताएगी, बल्कि बिजली कंपनी से संपर्क में रहकर जरूरी बदलाव भी करेगी।
जरूरी बदलाव में यदि किसी संसाधन की आवश्यकता है, तो उसकी व्यवस्था भी शेड्यूल आफ रेट (एसओआर) के आधार पर कंपनी को ही करनी होगी। कंपनी की कार्यावधि 12 माह की रहेगी यानी पूरे साल कंपनी को एनर्जी ऑडिट के साथ ही बिजली के बिल की राशि कम करने की दिशा में काम करना होगा।