
अमित मिश्रा, नईदुनिया, ग्वालियर। भारतीय सेना में अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया में बदलाव का सीधा असर संख्या पर नजर आने लगा है। दौड़ निकालने के लिए 30 सेकंड की अवधि बढ़ाने की वजह से अधिक युवाओं को भर्ती का मौका मिला है। अकेले ग्वालियर सेना भर्ती कार्यालय से ही दोगुने अग्निवीर भर्ती होने में सफल रहे हैं। पहले इस केंद्र पर एक बार की भर्ती में 400 से 500 अग्निवीर ही भर्ती हो पा रहे थे। इस बार पहली ही मेरिट लिस्ट में ही 711 अभ्यर्थियों के नाम हैं। यह सब हुआ है, भर्ती प्रक्रिया में बदलाव से।
इस बार दौड़ का समय बढ़ा दिया गया था। इससे जो अभ्यर्थी 5.45 मिनट में 1600 मीटर की दौड़ पूरी नहीं कर पाते थे उन्हें अब 6.15 मिनट का समय मिलने लगा है। दौड़ का समय बढ़ाने के पीछे सेना का तर्क है कि चूंकि अब युद्ध मैदान में कम, तकनीकी पर अधिक आधारित हो गया है इसलिए शारीरिक मानकों में थोड़ी छूट देकर अधिक से अधिक युवाओं को भर्ती का अवसर दिया जा सकता है।
पहले जब सेना में जाने के लिए भर्ती रैली होती थी तो पूरा जोर अभ्यर्थियों की शारीरिक मजबूती पर रहता था। जो शारीरिक परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करता था, वह चयनित हो जाता था। लेकिन अब जमीनी जंग के साथ ही तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण ऑपरेशन सिंदूर है।
इसमें ड्रोन हमलों को नाकाम करने और ड्रोन हमले करने में तकनीक का ही इस्तेमाल हुआ। इसके लिए बेहतर बौद्धिक कौशल वाले सैनिकों की जरूरत है। यही कारण है- अब पहले लिखित परीक्षा होने लगी, इसके बाद शारीरिक परीक्षा। शारीरिक परीक्षा के भी मानकों में बदलाव किया गया है।
दौड़ का समय बढ़ने से चयनित अभ्यर्थियों की संख्या भी बढ़ गई है। पहली मेरिट लिस्ट जारी हो गई है। अभी दूसरी सूची जारी होना बाकी है। संख्या एक हजार से अधिक पहुंचेगी। - कर्नल पंकज कुमार, निदेशक, सेना भर्ती कार्यालय ग्वालियर।