Ambulance on Station: ग्वालियर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। पीके यूनिवर्सिटी के कुलपति को स्टेशन पर एम्बुलेंस उपलब्ध न होने के बाद मचे बवाल के बाद भी रेलवे प्रबंधन अब तक एम्बुलेंस खड़ी करने जगह चिह्नित नहीं कर पाया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग को एम्बुलेंस उपलब्ध कराने पत्र तक नहीं भेजा। मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डा. आरके राजोरिया का कहना है कि रेलवे प्रबंधन जगह उपलब्ध कराने के साथ पत्र भेजे हम तत्काल एम्बुलेंस की व्यवस्था करेंगे। स्वास्थ्य और रेलवे प्रबंधन के बीच तालमेल की कमी का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
स्टेशन पर एम्बुलेंस उपलब्ध न होने से बीमार समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे हैं, इसका उदाहरण पीके यूनिवर्सिटी के कुलपति हैं, जिनको समय पर एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं हो सकी। दो छात्रों ने कुलपति को जज की कार से अस्पताल पहुंचाया, लेकिन कुलपति की जान नहीं बच सकी। इतना ही नहीं जज की कार छीनकर ले जाने पर छात्रों पर पुलिस ने डकैती का केस दर्ज कर दिया, जिससे वह मुसीबत में पड़ गए। अगर स्टेशन पर एम्बुलेंस मिल जाती तो हो सकता है कुलपति की जान बच जाती और छात्रों पर केस दर्ज नहीं होता।
भितरवार और हस्तिनापुर ब्लाक में चार नई एम्बुलेंस के लिए एनएचएम को प्रस्ताव भेजने के बाद मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से दोबारा कोई पत्राचार नहीं किया गया। यानी एक बार प्रस्ताव भेजकर सुस्त पड़ गए, जबकि भितरवार ब्लाक को तीन एम्बुलेंस और हस्तिनापुर ब्लाक को एक एम्बुलेंस की आवश्यकता है।
इस मामले में स्टेशन डायरेक्टर से जानकारी लेकर आगामी निर्णय लिया जाएगा। जगह को लेकर क्या मांग और उपलब्धता है इसे भी देखा जाएगा।
मनोज कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, रेल मंडल झांसी