
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर: देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़े अनेक अनछुए प्रसंग अब आम लोगों के सामने आ सकेंगे। भांजे अरुण कुमार मिश्र के बीएससी में फिजिक्स विषय में असफल होने पर पूरक परीक्षा के लिए शिक्षक व मित्र बाबा साहब खानवलकर को लिखी गई बेबाक चिट्ठी हो या फिर उन्हें मिलने वाले हर पत्र का जवाब देने की उनकी आदत ऐसे कई पहलू ग्वालियर में बने संग्रहालय में सहेजे गए हैं।
गोरखी स्थित उसी स्कूल परिसर में तैयार इस संग्रहालय का उद्घाटन गुरुवार को अभ्युदय एमपी ग्रोथ समिट के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में ग्वालियर आ रहे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। संग्रहालय में देशभर से एकत्र अटलजी से जुड़ी स्मृतियां और वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं।
अटल बिहारी वाजपेयी केवल कुशल राजनीतिज्ञ ही नहीं, बल्कि संवेदनशील कवि भी थे। संग्रहालय में उनके काव्य कोष का संग्रह दर्शकों को ठहरकर पढ़ने को विवश करता है। प्रवेश द्वार पर मुस्कुराते अटलजी के चित्र के साथ उनकी कालजयी पंक्तियां ‘मैं जी भर जिया, मैं मन से डरूं, लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं’ आगंतुकों का स्वागत करती हैं।
म्यूजियम में कुल 10 गैलरियां बनाई गई हैं, जिनमें अटलजी के जीवन के विभिन्न चरणों को दर्शाया गया है। पारिवारिक चित्रों के साथ अटल यात्रा गैलरी में उनका जीवन वृत्त, डार्क रूम में विश्व की नामी हस्तियों संग उनकी तस्वीरें और आर्टिफेक्ट गैलरी में तौलिया, ट्रिमर, कप-प्लेट, कुर्सी, सफारी सूट और कुर्ते जैसे व्यक्तिगत उपयोग की वस्तुएं प्रदर्शित हैं।
संग्रहालय में अटलजी के विचारों के दो विपरीत लेकिन गहरे पक्ष भी सामने आते हैं। काव्य गैलरी में हिरोशिमा की पीड़ा पर आधारित उनकी कविता है, जिसमें वे परमाणु बम के आविष्कार पर सवाल उठाते नजर आते हैं। वहीं देश की सुरक्षा के लिए पोखरण में किए गए परमाणु परीक्षण का वार रूम भी यहां दर्शाया गया है।
अटलजी के हस्तलिखित पत्र उनके हास्यपूर्ण और सहज स्वभाव को भी उजागर करते हैं। सात जनवरी 1986 को आदरणीय मामू को लिखे पत्र में उन्होंने स्वयं उल्लेख किया कि उनका जन्म वर्ष 1924 है, लेकिन पिता ने स्कूल में 1926 दर्ज करा दिया था, ताकि सरकारी सेवा में सेवानिवृत्ति देर से हो। इसी पत्र में उन्होंने अपनी इच्छा भी प्रकट की हंसते-हंसते मरना और मरते-मरते हंसना। उनके बाल सखा शैवाल सत्यार्थी को लिखे गए कई पत्र भी संग्रहालय में सुरक्षित रखे गए हैं।