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ग्वालियर नईदुनिया प्रतिनिधि
श्वेताम्बर जैन स्थानकवासी समाज द्वारा महा पर्यूषण पर्व के तहत आज भगवान महावीर जन्म का वाचन कर धूमधाम से जन्मोत्सव मनाया गया। इसके साथ ही माता त्रिशला के 14 स्वप्नों का चित्रण किया गया। साथ ही पालना झूलन एवं बधाई गीत गाए गए। इस अवसर पर सुरेंद्र कुमार मुथा, आलोक जैन , महिला मंडल की अध्यक्ष अनीता सचेती , ज्योतिका सचेती आदि शामिल थीं।
माँ के प्रति आदर हमारा कर्तव्य होना चाहिएः विरेशरत्न सागर
श्री श्वेताम्बर जैन मंदिर सराफा बाजार में चल रहे पर्यूषण पर्व के पांचवे दिन भगवान महावीर स्वामी का जन्म महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। मुनि विरेशरत्न सागर महाराज ने कहाकि भगवान का अवतरण मानव कल्याण के लिए होता है।
माता ने देखे 14 स्वप्न
जैन मंदिर में दोपहर 3.30 बजे माता त्रिशला ने भगवान महावीर के जन्म के समय जो चौदह स्वप्न देखे थे । उन स्वप्नों के चांदी के प्रतीकों की श्रीसंघ के सदस्यों ने बोली बोलकर चढ़ावा बोला। इसके बाद मुनि विरेशरत्न सागर ने भगवान महावीर स्वामी के जन्म की कथा सुनाई। इस दौरान सभी भक्तों ने जन्मोत्सव पर एक दूसरे को गले मिलकर एवं श्रीफल खिलाकर बधाई दी। इसके बाद मंदिर में प्रसाद का वितरण किया गया एवं केशर चंदन के छापे लगाए गए।
माता का सदैव करना चाहिए आदर
मुनि विरेशरत्न सागर महाराज ने कल्प सूत्र का वाचन करते हुए कहाकि सदैव मॉं का आदर करना चाहिए। एवं माता-पिता की सेवा करना चाहिए। आज के इस युग में दिन पे दिन वृद्घा आश्रम खुलते जा रहे हैं। जबकि हमारी संस्कृति में मॉं को सर्वोधा स्थान दिया गया है। मॉं के प्रति आदर हमारा कर्तव्य होना चाहिए। भगवान महावीर स्वामी ने संकल्प लिया था कि जब तक माता-पिता रहेंगे वे दीक्षा नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि मॉं की गोद में ही बालक को दुनियां का वैभव प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी राष्ट्र जहां हमारी संस्कृति के मूल तत्व को अपना रहे है। वहीं हम पाश्चात्य संस्कृति के उन तत्वों को अपना रहे है जिन्हें वे लोग ही छोड़ रहे है। उन्होंने कहा कि जो यहां साधू संतों से फ्री में मिल रहा है उसे कोई ग्रहण करने को तैयार नहीं है। माता त्रिशाला की कहानी सुनाते हुए कहा कि गर्भवती महिला का आहार, विचार, व्यवहार, खान-पान आदि कैसा हो, यह सारी बातें हमारे प्राचीन ग्रंथों में है।
भगवान को झूलाया झूला
भगवान महावीर के जन्मोत्सव पर रात्रि को मंदिर में रेशमी कपड़े, फूल व लाईटिंग से भव्य सजावट की गई । भगवान महावीर को पालने में बिठाकर मंदिर आने वाले सभी दर्शनार्थियों ने पालने को झुलाया। भगवान के जन्मोत्सव पर मंदिर में भगवान की मनमोहक अंगरचना व सजावट हुई जिसका लाभ घीसूलाल पारसमल, संजीव, पंकज पारख परिवार ने लिया है। इस अवसर पर पारस जैन, दीपक तांतेड़, संजीव पारख, लोकेश शाह, योगेन्द्र पारख , भूषण बांठिया, दीप्ति बांठिया, दिव्या तांतेड़, चमन वैद, शिव शर्मा आदि उपस्थित थे।