प्रियंक शर्मा. ग्वालियर। नई दिल्ली से ग्वालियर होकर रानी कमलापति स्टेशन तक जाने वाली भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस अपनी श्रेणी की अन्य कई ट्रेनों की तुलना में काफी महंगी साबित हो रही है। इस ट्रेन में ग्वालियर से भोपाल तक का किराया चेयर कार में 1100 और एक्जीक्यूटिव क्लास में 1600 रुपये से अधिक वसूल किया जा रहा है। इसमें फ्लाइट्स की तर्ज पर लगने वाला डायनमिक चार्ज भी शामिल है। डायनमिक और कैटरिंग चार्ज यदि हटा दिया जाए तो भी भोपाल शताब्दी की तुलना में अमृतसर शताब्दी, अजमेर शताब्दी, लखनऊ शताब्दी, देहरादून शताब्दी सहित 10 से अधिक इस श्रेणी की ट्रेनों में प्रति किलोमीटर कम किराया लिया जा रहा है। यह स्थिति तब है, जब इस ट्रेन में दिल्ली से भोपाल के बीच बड़ी संख्या में यात्री सफर करते हैं।
देश के अलग-अलग व्यस्त रेल मार्गो पर तेज रफ्तार शताब्दी एक्सप्रेस का संचालन किया जाता है, ताकि इस ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्रियों के समय की बचत हो और वह जल्द गंतव्य तक पहुंच सकें। वर्तमान में देश में 23 जोड़ी शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। कोविड लाकडाउन के बाद ग्वालियर से गुजरने वाली शताब्दी एक्सप्रेस के किराये में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पहले यात्री 650 से 700 रुपये में ग्वालियर से भोपाल तक का सफर करते थे। इसमें फ्लेक्सी फेयर भी शामिल होता था, लेकिन अब फ्लेक्सी फेयर के साथ किराया 1100 से 1600 रुपये पहुंच रहा है। नईदुनिया ने देश की अन्य शताब्दी एक्सप्रेस के किराये व दूरी की तुलना जब भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस के किराये से की, तो पता चला कि 10 से अधिक ट्रेनों में अब भी प्रति किलोमीटर किराया कम है।
दूरी अनुसार चेयर कार व एक्जीक्यूटिव क्लास का किराया
भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस में आगामी 28 फरवरी को ग्वालियर से भोपाल तक का किराया चेयर कार में 845 और एक्जीक्यूटिव क्लास में 1645 रुपये है। इसमें 185 और 245 रुपये कैटरिंग चार्ज शामिल है। इसे हटा दें तो चेयर कार में 660 रुपये और एक्जीक्यूटिव क्लास में 1400 रुपये का किराया लगता है। ग्वालियर से भोपाल की दूरी 394 किमी है। प्रति किलोमीटर के हिसाब से चेयर कार का 1.67 रुपये व एक्जीक्यूटिव क्लास का किराया 3.55 रुपये होता है। इसी हिसाब से अन्य शताब्दी एक्सप्रेस की तुलना कुछ इस प्रकार है-
ट्रेन दूरी किराया प्रति किमी किराया
नई दिल्ली-अमृतसर शताब्दी 448 किमी 725 व 1540 रु 1.61 व 3.43 रु
नई दिल्ली-अजमेर शताब्दी 443 720 व 1540 1.62 व 3.47
निई दिल्ली-लखनऊ शताब्दी 511 825 व 1770 1.61 व 3.46
गिांधीनगर-मुंबई सेंट्रल शताब्दी 520 837 व 1770 1.60 व 3.40
न्यिू जलपाई गुड़ी-हावड़ा शताब्दी 561 875 व 1875 1.55 व 3.34
निई दिल्ली-देहरादून शताब्दी 315 519 व 1100 1.64 व 3.49
नोट: किराया क्रमश: चेयर कार व एक्जीक्यूटिव क्लास
पहली शताब्दी होने का खिताब, 1988 में हुई थी शुरू
भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस के पास अपनी श्रेणी की पहली ट्रेन होने का खिताब भी है। देश के पहले प्रधानमंत्री स्व. पं. जवाहरलाल नेहरू की जन्मशताब्दी वर्षगांठ को मनाने के लिए 10 जुलाई 1988 को तत्कालीन रेल मंत्री स्व. माधवराव सिंधिया ने इस ट्रेन की शुरुआत कराई थी। इसी कारण इस श्रेणी की तेज रफ्तार ट्रेनों का नाम शताब्दी रखा गया। उस समय यह ट्रेन नई दिल्ली से ग्वालियर के बीच संचालित की गई थी। बाद में इसे झांसी और फिर भोपाल व रानी कमलापति स्टेशन तक के लिए बढ़ा दिया गया।
किराये पर निर्णय रेलवे बोर्ड लेता है
किराये के निर्धारण से लेकर उसमें कमी और बढ़ोतरी का निर्णय रेलवे बोर्ड स्तर से लिया जाता है। भोपाल शताब्दी में यदि किराया ज्यादा है और यात्रियों को इससे आपत्ति है तो उनके सुझावों पर बोर्ड ही इस मामले में निर्णय लेगा।
मनोज कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी रेल मंडल झांसी