वरुण शर्मा, नईदुनिया, ग्वालियर। टेकनपुर स्थित देश की इकलौती बीएसएफ अकादमी की टीएसयू (टियर स्मोक यूनिट) ने लांचर के साथ अब ड्रोन की व्यवस्था भी कर दी है। इसके साथ यह तकनीक तैयार करने के लिए भारत अब दुनिया का दूसरा देश बन गया है। अभी तक यह तकनीक इजरायल के पास है। अब बीएसएफ की टीएसयू द्वारा ही ड्रोन टियर स्मोक लांचर की सप्लाई की जाएगी, इसलिए इससे सुरक्षा बलों एसे इसकी डिमांड आने लगी है।
पहली डिमांड मध्य प्रदेश की पुलिस की ओर से आई है। इसके बाद दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ से लेकर कई राज्यों की पुलिस ने इसकी डिमांड की है। बता दें कि बीएसएफ अकादमी की टीएसयू देशभर में एक मात्र टियर स्मोक की यूनिट है। यह यूनिट शोध व विकास करने के साथ ही टियर स्मोक के उत्पाद भी खुद ही तैयार करती है।
देशभर के सुरक्षाबलों से लेकर राज्यों की पुलिस को इसी टीएसयू की ओर से डिमांड के अनुसार सप्लाई भेजी जाती है। कुछ समय पहले ही बीएसएफ की टीएसयू ने ड्रोन टियर स्मोक लांचर को तैयार किया है, जिसका सफल परीक्षण किया गया। इसका प्रदर्शन बेहतर रहा। इससे अब लांचर भेजने के लिए ड्रोन का प्रबंध करने में सुरक्षा बलों के सामने आने वाली परेशानी दूर हो जाएगी।
बीएसएफ ने इस ड्रोन तकनीक को तैयार किया है और यह तकनीक उपयोग के लिए हस्तांतरित की जा सकेगी। जो सुरक्षा एजेंसियां या इकाई इसे लेना चाहेंगी, वह तकनीक बीएसएफ से लेंगी, लेकिन ड्रोन उन्हें स्वयं खरीदना होगा। पहले यह तय किया गया था। अब यह ड्रोन भी बीएसएफ टीएसयू से ही मिलेगा।
यह ड्रोन छह किलो वजन तक उठा सकता है। यह पांच किमी क्षेत्र में अश्रु गोले बरसा सकता है। सुरक्षा बल हैंडगन से अभी तक अश्रु गैस के गोले प्रदर्शनकारियों व दंगाइयों पर छोड़ते थे, ऐसे में यह सटीक पता नहीं चल पाता था कि गोला कहां गिरेगा। अब टियर स्मोक ड्रोन लांचर आने के बाद स्क्रीन पर यह दिख सकेगा कि ड्रोन कहां गोले गिराएगा।
ड्रोन टियर स्मोक लांचर में नया बदलाव किया गया है। अब लांचर के साथ ड्रोन भी बीएसएफ टीएसयू की ओर से दिया जा रहा है। इससे सुरक्षा बलों को ड्रोन का प्रबंध करने में परेशानी नहीं होगी। - वीपी बडोला, महाप्रबंधक, टीएसयू, बीएसएफ अकादमी