साइबर ठगी का कंबोडिया कनेक्शन, अधिकांश कॉल यहीं से आते हैं और रकम भारतीय खातों में पहुंच रही
देश में हो रही साइबर ठगी के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है, ठगी के लिए किए जाने वाले ज्यादातर कॉल कंबोडिया से आ रहे हैं। वहीं ठगी की रकम भारतीय बैंक अकाउंट तक पहुंच रही है। बैंक खाते भी आर्थिक रूप से कमजोर और बेरोजगार युवाओं, छात्रों के इस्तेमाल किए जा रहे हैं। इसके साथ ही युवाओं को दूसरे देशों में बुलाकर साइबर स्लेवरी हो रही है।
Publish Date: Mon, 27 Oct 2025 09:28:32 AM (IST)
Updated Date: Mon, 27 Oct 2025 09:35:11 AM (IST)
भारत से बेरोजगार युवकों को कंबोडिया और अन्य देशों में बुलाकर उनका पासपोर्ट रख लिया जाता है, फिर उनसे ठगी करवाई जाती है। प्रतीकात्मक तस्वीरHighLights
- विदेश में बैठे अपराधी चला रहे साइबर फ्रॉड का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क।
- पुलिस की जांच सिर्फ खातों तक पहुंच कर अटक रही।
- मप्र, दिल्ली समेत अन्य राज्यों में सामने आए ऐसे ही मामले।
अमित मिश्रा, नईदुनिया, ग्वालियर। देशभर में हो रही अधिकांश साइबर ठगी के तार कंबोडिया से जुड़ रहे हैं। मध्य प्रदेश में साइबर ठगी की बड़ी वारदातें हों या दिल्ली या अन्य राज्यों में हुई घटनाएं, ठगी के लिए वाइस और वीडियो कॉल कंबोडिया से आ रहे हैं और ठगी की रकम भारतीयों के खातों में पहुंच रही है। यानी विदेश में बैठे अपराधी पुलिस व अन्य जांच एजेंसियों से बचने के लिए भारतीय खातों का इस्तेमाल करते हुए साइबर फ्राड का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क चला रहे हैं।
मप्र पुलिस हो या अन्य जांच एजेंसी, सिर्फ यही जांच कर पा रही है कि ठगी की रकम किन खातों में गई। विदेश में बैठे शातिर सरगनाओं तक पहुंचना फिलहाल मुश्किल है। बैंक खाते भी आर्थिक रूप से कमजोर और बेरोजगार युवाओं, छात्रों के इस्तेमाल किए जा रहे हैं। नईदुनिया ने मप्र में डिजिटल अरेस्ट व साइबर ठगी की बड़ी वारदातों की पड़ताल की। इसमें करीब 95 प्रतिशत वारदातों में ठगी के लिए वाइस व वीडियो काल विदेश से ही आए। इसमें से 11 घटनाएं ग्वालियर की हैं, जिसमें सभी वारदातों में काल कंबोडिया से ही आए।
इन घटनाओं से समझिए कंबोडिया कनेक्शन
- ग्वालियर के रामकृष्ण मिशन स्कूल के सचिव सुप्रदिप्तानंद को डिजिटल अरेस्ट कर 2.52 करोड़ रुपये की ठगी हुई थी। वाइस व वीडियो काल कंबोडिया से आया था।
- ग्वालियर में शिक्षिका आशा भटनागर को 2024 में डिजिटल अरेस्ट कर 51 लाख ठगे थे। काल कंबोडिया, दुबई से आए। सरगना भिलाई का था। पैसा क्रिप्टो ट्रेडिंग के जरिये दुबई भेजा था।
- दिल्ली के गुलमोहर पार्क निवासी 78 वर्षीय नरेश मल्होत्रा को एक माह तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया। उनके साथ 22.92 करोड़ रुपये की ठगी हुई। उनके पास कंबोडिया से कॉल आए थे।
क्रिप्टो ट्रेडिंग से विदेश तक जा रहा पैसा
- भारत में साइबर ठगी का पैसा छह से सात लेयर में अलग-अलग खातों में जाता है। इसके बाद क्रिप्टो ट्रेडिंग होती है। इसी तरह पैसा विदेश जा रहा है।
- मप्र में एक मई 2021 से लेकर जुलाई 2025 के बीच साइबर ठगी की घटनाओं के जरिये 1054 करोड़ रुपये लोगों से ठगे गए। इसमें से रिकवरी सिर्फ 1.94 करोड़ रुपये हो पाई।
एक्सपर्ट व्यू : साइबर स्लेवरी हो रही
साइबर स्लेवरी हो रही है। भारत से बेरोजगार युवकों को आकर्षक नौकरी के बहाने कंबोडिया के साथ ही थाइलैंड, अफगानिस्तान, दुबई जैसे देशों में ले जाया जा रहा है। यहां ठगी के कॉल सेंटर चल रहे हैं। वहां ले जाकर पासपोर्ट ले लिया जाता है, फिर ठगी के काम में लगा दिया जाता है। विदेश से कॉल इसलिए आते हैं, क्योंकि पुलिस न पहुंच सके। - डॉ. वरुण कपूर, स्पेशल डीजी, मप्र (साइबर अपराध पड़ताल के विशेषज्ञ, जागरूकता के लिए अब तक 800 से ज्यादा सेमिनार कर चुके हैं।)