
बलराम सोनी/वरुण शर्मा ग्वालियर। नईदुनिया यह ग्वालियर का दावा है, आप बेधड़क चंबल में निवेश के लिए चले आइए..आपकी तरक्की की 100 प्रतिशत गारंटी है। इस दावे के पीछे एक नहीं, कई ठोस कारण हैं। सबसे पहले बात करें कनेक्टिविटी की, तो ग्वालियर अंचल में सड़क, रेल और हवाई सेवा से बेहतर विकल्प प्रदेश ही नहीं आसपास के राज्यों में नहीं मिलेगा। दिल्ली एनसीआर उद्योग-कारोबार के मामले में चरम पर है।
वहां जमीन के लिए मारामारी है। जबकि पूर्वी मध्यप्रदेश के इस क्षेत्र के लैंड बैंक में 2500 हेक्टेयर भूमि आपका इंतजार कर रही है। उद्योग की चिमनियों से निरंतर धुआं निकलता रहे और कलपुर्जों का शोर गूंजता रहे, इसके लिए श्रमिक सबसे जरूरी हैं। तो हम आपको बता दें, भिंड-मुरैना और बुंदेलखंड के लाखों श्रमिक देश के कोने-कोने में चलने वाली फैक्टरियों में पसीना बहाकर तरक्की में बराबर भागीदार बने हुए हैं।
आपके उद्योगों की तरक्की के लिए सुरक्षा और बिजली पानी भी अहम हैं। सुरक्षा के लिहाज से यह अंचल प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित हैं। यहां न तो कोई संगठित अपराध है और ना ही अब वो बीहड़ वाली बात। बिजली और पानी की उपलब्धता के लिए सरकार कृत संकल्पित है। इसलिए निवेश के लिए इससे बढ़िया विकल्प हो ही नहीं सकता।
ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में सस्ती मैन पावर की कोई कमी नहीं है। ग्वालियर के आसपास के जिले भिंड, मुरैना, शिवपुरी जहां का श्रमिक वर्ग ग्वालियर कनेक्ट है, साथ ही बुंदेलखंड का द्वार दतिया ग्वालियर से पास है जहां छतरपुर-टीकमगढ़ से देश-दुनिया में श्रमिक काम करने जाते हैं। इस तरह ग्वालियर-चंबल अंचल में मौजूदा व नवीन औद्योगिक इकाइयों के लिए मैन पावर की कोई कमी होने की संभावना नहीं है।
ग्वालियर-चंबल अंचल में 2500 एकड़ जमीन यहां निवेश के लिए इंतजार में है। 1200 हेक्टेयर साडा क्षेत्र में और जमीन चिन्हित की गई है। प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र मवई में 210 हेक्टेयर, मोहना में 200 हेक्टेयर, गुरवल में 30 हेक्टेयर और चेनपुरा में 337 हेक्टेयर लैंड बैंक मौजूद है।नवीन क्षेत्रों में भी संभावनाएं तैयार की जा रहीं हैं।
डकैतों-बंदूकों के लिए कुख्यात रह चुके ग्वालियर चंबल की छवि अब बेहतर संभावनाओं और निवेश की बन चुकी है। ग्वालियर-चंबल में अधोसरंचना आधारित विकास से लेकर हर सेक्टर में पिछले सालों में बड़े परिवर्तन हुए हैं। यहां अब कोई संगठित अपराध जैसी स्थिति भी नहीं है। यहां 400 से ज्यादा औद्योगिक इकाईयां संचालित हैं, सामरिक दृष्टि से एयरबेस, आर्मी कैंटोनमेंट, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी, एसएएफ बटालियन से लेकर बड़े बड़े संस्थान भी हैं।
ग्वालियर चंबल में उद्योग के लिए बुनियादी सुविधाएं भरपूर हैं। उद्योग के लिए बे-बाधा बिजली उपलब्ध है। यहां पावर ट्रांसमिशन कंपनी की ओर से नए सब स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा ग्वालियर में पानी की भी कोई कमी नहीं है। वर्तमान औद्योगिक क्षेत्रों के लिए पानी की पूर्व में कभी किल्लत सामने नहीं आई।
हमने जो शुरुआत की थी, अलग-अलग संभागीय स्तर पर हुए इन्वेस्टर समिट को रीजनल का समर्थन मिल रहा है। पूरे देश और प्रदेश से समिट की लोकप्रियता भी बढ़ रही है और इसके रिजल्ट भी आ रहे है। पूरा भरोसा है कि ग्वालियर में होने वाली इन्वेस्टर समिट में बड़े पैमाने पर निवेश आएगा और जो निवेशक पहले से काम कर रहे हैं, उनको बढ़ावा भी देंगे वह अपना काम और बढ़ा सके। बेहतर प्रोडक्ट तैयार कर प्रदेश से लेकर बाहर तक निर्यात कर पाएं। ग्वालियर में हवाई, सड़क और रेल कनेक्टिविटी के पर्याप्त साधन है। जिससे व्यापारियों के ग्वालियर आने के लिए सुविधाएं हैं। खासकर डिफेंस के क्षेत्र में बीहड़ वाला क्षेत्र है उसमें अच्छा विकास होगा, चंबल एक्सप्रेसवे की गतिविधि भी बढ़ी है, उम्मीद है कि समिट से इलाके का अच्छा विकास होगा।
डा. मोहन यादव, मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश