नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। कैडबरी चॉकलेट की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर ग्वालियर के व्यापारी प्रदीप सेन के साथ ठगी करने वाले गिरोह के दो मास्टरमाइंड मनीष गुप्ता और दीपक कुमार को बिहार से गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने फरियादी प्रदीप सेन से 5.70 लाख रुपये की ठगी की थी और हरियाणा के सोनीपत में फर्जी काल सेंटर संचालित कर देशभर में लोगों को अपना शिकार बना रहे थे।
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपित गूगल पर उन लोगों का डाटा जुटाते थे जो 'कैडबरी चॉकलेट फ्रेंचाइजी' या इससे जुड़े कीवर्ड सर्च करते थे। इसके बाद गिरोह फर्जी नंबरों और ट्रू-कॉलर ऐप के जरिये उन्हें कॉल करता और खुद को कंपनी का अधिकारी बताकर भारी मुनाफे का झांसा देता। फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर रजिस्ट्रेशन और एडवांस फीस की मांग की जाती थी। रकम खातों में आते ही आरोपित इसे बिहार के विभिन्न जिलों में अपने एजेंटों के जरिये कैश करा लेते थे।
मुख्य आरोपित मनीष गुप्ता (31 वर्ष, छपरा, बिहार) ने बिहार में ही इस तरह ठगी करने का प्रशिक्षण लिया था और इसके बाद अपने साथी दीपक कुमार (24 वर्ष, गया, बिहार) के साथ सोनीपत में कॉल सेंटर खोल लिया। दोनों ने अलग-अलग राज्यों से युवकों को नौकरी के नाम पर बुलाया और उनके बैंक खाते, आधार कार्ड और पैन कार्ड अपने पास रख लिए। आधार कार्डों में फर्जी मोबाइल नंबर लिंक कराकर इन खातों का उपयोग ठगी के लिए किया जाता था।
गिरोह के पास फर्जी डाक्यूमेंट्स और पहचान पत्र भी थे, जिससे वे दिल्ली और उत्तर प्रदेश में किराए के मकानों में रहकर अपनी असली पहचान छिपाते थे। इनके नेटवर्क में हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार तक फैले एजेंट शामिल थे, जो फर्जी खाते और सिम कार्ड उपलब्ध कराते थे।
इस गिरोह का भंडाफोड़ आसान नहीं था। आरोपित कॉल अलग राज्य से करते, ट्रांजेक्शन अलग राज्य से करते और कैश निकासी तीसरे राज्य से की जाती थी। इससे पुलिस को ठिकाना पहचानने में काफी समय लगा। साइबर पुलिस ग्वालियर की टीम ने लगभग एक साल तक अलग-अलग आइपी एड्रेस और तकनीकी डाटा की निगरानी की और अंत में मनीष और दीपक को दबोचने में सफल रही।
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राज्य साइबर पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी कंपनी की फ्रेंचाइजी, नौकरी या निवेश से जुड़े काल पर बिना सत्यापन के भरोसा न करें। किसी भी प्रकार का शुल्क, एडवांस या फीस सीधे किसी खाते में न डालें। किसी संदेहास्पद काल या ऑनलाइन फ्रॉड की तुरंत शिकायत www.cybercrime.gov.in या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर करें।