Devshayani Ekadashi 2021: विजय सिंह राठाैर, ग्वालियर नईदुनिया। आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की 20 जुलाई मंगलवार को एकादशी तिथि से चातुर्मास प्रारम्भ हो जाएगा और सभी मांगलिक कार्यो पर विराम लग जाएगा। एकादशी तिथि का प्रारंभ 19 जुलाई सोमवार रात्रि 10:00 बजे से 20 जुलाई मंगलवार 07:18 बजे तक रहेगा। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि इस एकादशी को देवशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस अवधि में भगवान विष्णु विश्राम करने पाताल लोक चले जाते है, और सभी तरह के मांगलिक कार्य रुक जाते हैं। इसके पश्चात भगवान विष्णु कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 15 नवंबर सोमवार पर जागेंगे। इस साल भगवान विष्णु 118 दिनों तक विश्राम करेंगे। इस अवधि को चातुर्मास भी कहा जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु के विश्राम करने से सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं। इस दौरान सभी तरह के धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं, बस विवाह समेत अन्य मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। इस दौरान भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करना चाहिए। चातुर्मास में सबसे पहले सावन का महीना आता है, जो कि 25 जुलाई से प्रारंभ हो जाएगा और पहला सावन का सोमवार 26 जुलाई को होगा। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस माह में भगवान शिव की अराधना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसके बाद गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक भगवान गणेश की विशेष पूजा- अर्चना की जाती है। 30 अगस्त को भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
चातुर्मास में बढ़ता है जल संबंधित संक्रमणः चतुर्मास के चार महीनों में हमारी पाचन शक्ति कमजोर पड़ सकती है। साथ ही पानी के दूषित होने की संभावना भी अधिक रहती है। इसलिए जल संबंधित बीमारियों के बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है। जैसे वायरल, सर्दी जुकाम, टायफाइड व मलेरिया आदि।क्योंकि बरसात के कारण जमीनी कीड़े पैदा हो जाते हैं। इस मौसम में हरी पत्तेदार सब्जियां बैक्टीरिया के संक्रमण से ग्रसित हो जाती हैं। इनके सेवन से पहले अच्छे से धोने की सलाह दी जाती है। इसका कारण मौसम में परिवर्तन, वर्षा के कारण बैक्टीरिया का बढ़ जाना माना जाता है और आधुनिक विज्ञान भी इस बात को मानता है कि चतुर्मास के दौरान स्वास्थ्य पर सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए सेहत के लिए चतुर्मास के दौरान व्रत और सुपाच्य भोजन लेना व योग करना बेहतर होता है, इससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।