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नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। साइबर अपराध बड़ा खतरा बनता जा रहा है। यही वजह है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दिल्ली के बाद अब मप्र में भी ई-जीरो एफआइआर की शुरुआत कराई गई है। इसकी लांचिंग केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को ग्वालियर से की। 24 घंटे में ही साइबर ठगी के मामलों में 15 ई-जीरो एफआइआर शहर के अलग-अलग थानों में दर्ज हुई हैं।
साइबर अपराध करने वाले अपराधी और ठगी गई राशि पीड़ितों को आसानी से वापस दिलाने के लिए 19 मई को दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ई-जीरो एफआइआर प्रणाली शुरू की गई थी। अब मप्र देश का दूसरा राज्य बन गया है, जहां साइबर ठगी के मामलों में ई-जीरो एफआइआर शुरू हो गई है। इससे न सिर्फ पुलिस जिम्मेदारी के साथ त्वरित कार्रवाई करेगी, बल्कि पीड़ितों की सुनवाई और ठगी की रकम वापस मिलने में सुविधा होगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा साइबर अपराध की पड़ताल और पीड़ितों की त्वरित सुनवाई के लिए आइ4सी(भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र) का गठन किया था। आइ4सी द्वारा एनसीआरपी (नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल) और 1930 हेल्पलाइन लांच की। इसके जरिये शिकायत करने पर तुरंत कार्रवाई होती है, लेकिन शिकायत ही दर्ज होती है, एफआइआर नहीं। अब मप्र में एक लाख रुपये से अधिक की साइबर ठगी में सीधे ई-जीरो एफआइआर दर्ज होगी। जैसे ही एनसीआरपी या 1930 पर एक लाख रुपये से अधिक की साइबर ठगी की शिकायत आएगी तो शिकायत स्वत: ही ई-जीरो एफआइआर में परिवर्तित होकर एनसीआरपी के जरिये ही मप्र के जिस जिले से फरियादी ने शिकायत की होगी, उस जिले के संबंधित थाने को स्थानांतरित हो जाएगी।
जैसे ही एक लाख रुपये या इससे अधिक की साइबर ठगी हो तो तुरंत cybercrime.gov.in पर जाकर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। साइबर हेल्पलाइन 1930 पर भी तुरंत शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। इसमें एक लाख रुपये से अधिक की ठगी में तुरंत ई-जीरो एफआइआर दर्ज होगी। जो संबंधित थाने को स्थानांतरित हो जाएगी। ई-जीरो एफआइआर का मैसेज शिकायतकर्ता को टेक्सट मैसेज के जरिये पहुंचेगा। इसके 72 घंटे के भीतर शिकायतकर्ता को थाने पहुंचना होगा। जिससे ई-जीरो एफआइआर नियमित FIR में परिवर्तित हो जाए।
अभी साइबर ठगी के मामले में सबसे पहले पुलिस टालने का प्रयास करती है। एफआइआर तो बहुत कम होती हैं। अब ई-जीरो एफआइआर सीधे थाने में स्थानांतरित होगी। इसके बाद थाना प्रभारी को त्वरित संज्ञान लेकर विवेचक नियुक्त करना होगा। सबसे पहले खाता फ्रीज, कॉल डिटेल पड़ताल, आइपी एड्रेस पड़ताल शुरू करनी होगी।
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