नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। शहर में अतिवर्षा के कारण सड़कों की स्थिति खराब है। वर्षा जल की निकासी नहीं होने के कारण डामर की सड़कें उधड़ चुकी हैं। इसका मुख्य कारण सामने आया है कि सड़कों के किनारे नाले-नालियों के अलावा ड्रेनेज का प्रविधान नहीं होने से यह स्थिति बनी है। नईदुनिया ने भी लगातार ये मुद्दा उठाया कि सड़कों के किनारे ड्रेनेज सिस्टम का प्रविधान किया जाए, जिसके बाद निगम के जनकार्य विभाग ने कई कॉलोनियों में नई सड़कें स्वीकृत करने के साथ ही उन्हें ड्रेनेज का प्रविधान करना शुरू कर दिया है।
जो नए टेंडर भी अपलोड किए जा रहे हैं, उनमें ड्रेनेज का प्रविधान विशेष रूप से किया जा रहा है। इसके अलावा जिन स्थानों पर जल निकासी की व्यवस्था नहीं होगी, वहां प्रयास किया जाएगा कि डामर की सड़कें तैयार नहीं की जाएं। वहां व्हाइट टॉपिंग या सीसी रोड बनाई जाएंगी। इसके अलावा जहां-जहां बिटुमिन की नई सड़कें बनाई जा रही हैं, वहां ड्रेनेज व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी।
वार्ड 30 एयरटेल ऑफिस रोड और नाली निर्माण।
वार्ड 19 सूर्य विहार कॉलोनी में बिटुमिन रोड के किनारे सीसी ड्रेनेज।
वार्ड 55 शिवाजी नगर में चौहान हाउस से सिकरवार हाउस तक और राकेश तोमर वाली गली में सीसी रोड और ड्रेनेज।
वार्ड 62 पदमपुर खेरिया के पटेल मोहल्ला में सीसी रोड व ड्रेनेज।
वार्ड 63 के ग्राम रुद्रपुर में सीसी रोड और ड्रेनेज।
वार्ड 63 के ग्राम मालनपुर में सीसी रोड व ड्रेनेज।
वार्ड 49 हारकोटासीर में सीसी रोड व ड्रेनेज निर्माण। (इसके अलावा लगभग 20 सड़कों के निर्माण में ड्रेनेज का प्रविधान कर टेंडर किए जा रहे हैं।)
उधर नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय ने शनिवार को शहर की सड़कों को दुरुस्त करने के लिए संबंधित अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने निर्देशित किया कि शीघ्र सड़कों पर काम प्रारंभ करें और 15 दिवस में शहर की सड़कें चकाचक दिखने लगें। जिन सड़कों के वर्क आर्डर जारी हो गए हैं, उनमें अगले पांच दिवस में कार्य शुरू हो जाएं। साथ ही जो सड़कें स्वीकृत हो चुकी हैं और अनुबंध होना है, उसमें तत्काल अनुबंध कर कार्य प्रारंभ कराएं। सड़कों के किनारे ड्रेनेज की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।
सड़कों के किनारे ड्रेनेज की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। कई नई सड़कों को स्वीकृति देते समय ड्रेनेज का प्रविधान किया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि जहां हम ड्रेनेज की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं, वहां डामर की सड़कें बनाई ही ना जाएं। वहां सीसी रोड या व्हाइट टापिंग कराई जाए। - संघ प्रिय, आयुक्त नगर निगम