नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। हाईवे पर चेकिंग प्वाइंट लगाकर वसूली करने वाले नकली पुलिसकर्मियों को कोर्ट में पेश किया गया। इन्हें गुरुवार को तीन दिन की रिमांड पर लिया गया है। गैंग का सरगना शिवम चतुर्वेदी एम-फार्मा का छात्र है, लेकिन असल में उसके पीछे दिमाग 10वीं पास ड्राइवर रविंद्र यादव का है। रविंद्र ट्रक और डंपर चलाता है।
उसने शिवम को बताया था कि हाइवे पर पुलिस और आरटीओ चेकिंग प्वाइंट लगाते हैं, यहां वसूली होती है। अगर जल्दी पैसा कमाना है तो खुद ही पुलिस बन जाते हैं और वसूली शुरू कर देते हैं। इसके बाद नकली पुलिसकर्मी बनकर ठगी करना शुरू कर दी। यह लोग ग्वालियर में करीब दो माह से रुके हुए थे। यहां हाईवे से जुड़े रास्तों पर वसूली कर रहे थे।
ग्वालियर पुलिस ने बुधवार को पुलिस और आरटीओ बन हाईवे पर चेकिंग प्वाइंट लगाकर वसूली करने वाले चार आरोपी शिवम चतुर्वेदी, रविंद्र यादव, नीरज यादव, पवन यादव को गिरफ्तार किया था। चारों सागर के रहने वाले हैं। शिवम चतुर्वेदी टीआइ बनता था, जबकि तीनों आरक्षक बनते थे। शिवम एम-फार्मा कर रहा है, वह पढ़ाई में अच्छा है। अंग्रेजी में भी बात कर लेता है, इसलिए वह टीआइ बनता था।
पुलिस मान रही थी कि शिवम सरगना है, लेकिन उसे फर्जीवाड़े के रास्ते पर ले जाने वाला 10वीं तक पढ़ा रविंद्र यादव है। शिवम के पिता भी ड्राइवर हैं। घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। बड़े सपने थे, इसलिए रविंद्र के कहने पर यह रास्ता अपना लिया। जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में नकली पुलिस बन गया।
शिवम ने बताया कि वह एसआइ बनना चाहता था। इसके लिए तैयारी कर रहा था। 2017 के बाद भर्ती नहीं हुई। इसके बाद उसने कुछ प्रतियोगी परीक्षा दी, लेकिन चयन नहीं हुआ। इसके बाद नकली वर्दी पहनकर वसूली करने लगा।
आरोपित शिवम चतुर्वेदी और उसके साथी सूने रास्तों पर खड़े होते थे। मुख्य हाइवे की जगह हाइवे के लिंक रास्तों पर खड़े होते थे। यहां भारी वाहनों को रोकते थे। साथ ही शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों को रोकते थे। नए कानून की किताब भी उसने पढ़ी थी, जिससे कहीं फंस न जाए।
विजयदशमी के आयोजन के चलते पुलिस गुरुवार को ड्यूटी में व्यस्त रही। शुक्रवार को सभी आरोपितों को वहां ले जाया जाएगा, जहां-जहां इन लोगों ने वसूली की है।