Dussehra 2023: ग्वालियर, (नईदुनिया प्रतिनिधि) असत्य पर सत्य की विजय का पर्व....विजयादशमी। इस दिन शस्त्र पूजन का विधान है। बंदूक से लेकर तलवार, कटार, लाठी तक की पूजा होती है। पूरे साल इसी दिन हथियारों की पूजा होती है। यहां तक कि पुलिस खुद भी हथियारों का पूजन करती है और पुलिस लाइन में तो कुम्हेड़ा की बलि दी जाती है। इसे तलवार से काटकर दो भागों में किया जाता है। आइए हम बताते हैं- इसके पीछे की मान्यता, आखिर क्यों इसी दिन पूजे जाते हैं हथियार।
तीन कहानियां....यहां से शुरू हुई परंपरा
1- इस दिन प्रभु श्रीराम ने रावण का वध कर माता सीता को दशानन की कैद से मुक्ति दिलाई थी। प्रभु श्रीराम ने युद्ध पर जाने से पहले हथियारों का पूजन किया था।
2- मां दुर्गा ने महिषासुर नाम के राक्षस का वध इस दिन कर बुराई का अंत किया था। इसके बाद उनके हथियारों का पूजन देवताओं ने किया था।
3- प्राचीन काल में राजा युद्ध पर जाने के लिए पूरे वर्ष दशहरे के दिन का ही इंतजार करते थे, कहा जाता था- इस दिन युद्ध पर जाने से विजय मिलती है। युद्ध पर जाने से पहले हथियारों का पूजन किया जाता था। राजा, सेनापति और सैनिक हथियारों का पूजन कर युद्ध पर निकलते थे।
पुलिस अफसरों से जब इस बारे में पूछा तो बताया कि सालों से पुलिस महकमे में दशहरे पर हथियारों के पूजन की परंपरा चली आ रही है। समाज के दुश्मनों से हथियार ही रक्षा करते हैं। यह शक्ति का प्रतीक हैं। दशहरे पर इनका पूजन किया जाता है, साफ-सफाई की जाती है जिससे जरूरत पड़ने पर यह सकारात्मक ऊर्जा के साथ काम आएं। नवरात्र में शक्ति की पूजा होती है, चारों तरफ सकारात्मक ऊर्जा होती है। कुम्हेड़े की बलि इसलिए दी जाती है, क्योंकि पूर्व में युद्ध पर जाने से पहले पशुओं की बलि दी जाती थी। आरआइ सत्यप्रकाश मिश्रा बताते हैं, निर्दोष पशुओं की बलि की जगह कुम्हेड़े की बलि की परंपरा शुरू हुई, क्योंकि कुम्हेड़े को शास्त्रों में सजीव ही माना गया है, इसलिए बलि के प्रतीक स्वरूप उसे काटा जाता है। पुलिस लाइन में उसे इस तरह रखा जाता है जिससे तलवार से एक ही बार में उसके दो भाग हो जाएं। पुलिस लाइन में शस्त्र पूजन से पहले मां दुर्गा की योगिनियां जया और विजया की पूजा होती है, फिर हवन होता है। इसके बाद शस्त्र पूजन होता है।
पुलिस लाइन में हर बार की तरफ सुबह 9 बजे दशहरा पूजन होगा। पुलिस लाइन में शस्त्र पूजन के साथ ही कुम्हेड़े को काटा जाएगा, फिर हथियारों से फायर भी किया जाता है। दशहरा पूजन में एडीजी डी. श्रीनिवास वर्मा, एसएसपी राजेश सिंह चंदेल सहित सभी पुलिस अधिकारी उपस्थित रहेंगे। शस्त्र पूजन के बाद पुलिस लाइन में वाहनों का भी पूजन होगा। सभी थाना प्रभारी अपने थानों में भी शस्त्रों की पूजा करेंगे।