-कंपोजिट दुकान का फार्मूला आने बाद दुकानों पर उपलब्धता बढ़ी तो चुनाव भी बड़ा कारण
-बीयर की खपत 200 प्रतिशत तक बढ़ी,दुकानों पर नहीं उपलब्ध
वरुण शर्मा.ग्वालियर। प्रदेश में शराब की खपत बढ़ गई है। आबकारी की कंपोजिट दुकानों का फार्मूला तो इसका बड़ा कारण है ही,साथ ही पंचायत चुनाव और निकाय चुनाव के कारण देसी शराब और बीयर की खपत में उछाल है। प्रदेश में देसी शराब की खपत 30 प्रतिशत बढ़ गई है,वहीं बीयर की खपत 200 प्रतिशत पार कर चुकी है। वैसे मई से जुलाई तक इसकी खपत भी ज्यादा होती है। बीयर को लेकर यह हालत है ठेकेदार रोज आबकारी अफसरों के चक्कर काट रहे हैं,वेयरहाउस से सप्लाई आते ही स्टाक खत्म हो रहा है। प्रदेश में कुछ छोटे जिले हैं जहां आपूर्ति न होने के कारण शराब सप्लाई ठप है। आबकारी के मुख्यालय जिले ग्वालियर में भी सप्लाई को लेकर लगभग यही हाल था जिसमें अफसरों ने प्रबंधन किया है।
प्रदेश में नए शराब ठेके होने के बाद से सरकार कंपोजिट दुकानों का फार्मूला लेकर आई है। इसके तहत देसी और विदेशी शराब दोनों एक ही स्थान पर मिल जाती हैं। अभी तक देसी अलग मिलती थी और विदेशी अलग तो ग्राहक को लेने के लिए अलग अलग दुकान पर जाना हेाता था लेकिन अब विकल्प बढ़ने से उपलब्धता बढ़ी है। ग्वालियर जिले में कुल 112 शराब की दुकानें हैं जिनपर देसी-विदेशी दोनों हैं।
देसी शराब: चुनाव भी कारण,खपत 30 प्रतिशत ज्यादा
देसी शराब की खपत पिछले कुछ समय से बढ़ी है। कंपोजिट दुकानों के कारण शहर के हर क्षेत्र चाहे वह पिछड़ा इलाका हो या पाश क्षेत्र देसी शराब मिल रही है। इस कारण साथ तो खपत बढ़ी ही है साथ ही पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद से भी खपत ज्यादा होने लगी। प्रदेश में 30 प्रतिशत देसी शराब का आंकड़ा बढ़ा है। सूत्रों के अनुसार चुनाव में देसी शराब ज्यादा पकड़े जाने के मामले सामने आते हैं,वहीं चुनावी माहौल में इसकी खपत बढ़ती है।
ग्वालियर: यह मासिक खपत
देसी शराब- तीन लाख बल्क लीटर
बीयर- दो लाख 10 हजार बल्क लीटर
स्प्रिट- एक लाख 40 हजार बल्क लीटर
नोट: शराब का खपत बल्क लीटर में होती है,एक बल्क लीटर लगभग एक लीटर के बराबर ही होता है।
बीयर: एक या दो ब्रांड की बीयर,बाकी पूरी गायब
बाजारों में बीयर की खपत 200 प्रतिशत से ज्यादा हो गई है, नौबत यह है कि शराब दुकानों पर बीयर के अभी तक प्रचलित ब्रांड भी गायब हो गए हैं। शराब के बड़े बीयर ब्रांड दुकानों पर नहीं है क्योंकि निर्माता कंपनियों से आने वाली सप्लाई टिक नहीं पा रही है,यही कारण है कि छोटी कंपनी के एक या दो ब्रांड दुकानों पर चल रहे हैं और बड़े ब्रांड न होने के कारण ग्राहक इन्हें हाथों हाथ पकड़ रहे हैं। आबकारी अफसर भी बीयर की खपत को लेकर हैरानी में हैं, क्योंकि पहले ऐसा नहीं होता था कि बीयर की डिमांड दो सौ प्रतिशत तक पहुंच जाए।
कथन
शराब की खपत पहले की तुलना में बढ़ी है। सप्लाई को लेकर प्रबंधन लगातार कर रहे हैं। इन दिनों में बीयर की खपत बढ़ जाती है इस बार ज्यादा बढ़ी है। कंपोजिट दुकानों का सिस्टम भी लागू हुआ है। देसी और बीयर की सप्लाई को दुरूस्त करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। कई जगह ऐसी स्थिति है।
संदीप शर्मा, सहायक आयुक्त, आबकारी, ग्वालियर