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नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। यूनिक रिश्ते और माय पार्टनर इंडिया मैट्रिमोनियल वेबसाइट के जरिये लोगों को शादी कराने का झांसा देकर ठगी करने वाले बड़े गिरोह का ग्वालियर में राजफाश हुआ है। थाटीपुर क्षेत्र में दो काल सेंटर चलाए जा रहे थे। गूगल, इंस्टाग्राम, फेसबुक से सुंदर युवती व मॉडल तक के फोटो डाउनलोड कर कुंवारे युवकों को भेजे जाते थे, बात कराने के लिए पंजीयन के नाम पर धन वसूलते थे। काल सेंटर में बैठी युवतियां ही कुछ दिन बात करती थीं, इसके बाद सोच न मिलने की बात कहकर बातचीत बंद कर देती थीं। अब तक करीब 1500 लोगों को ठगने का राजफाश हुआ है। इसमें मध्य प्रदेश व अन्य राज्यों के युवक भी शामिल हैं। काल सेंटर से पुलिस ने 45 मोबाइल, दो कंप्यूटर, 50 सिमकार्ड, कई बैंकों के 12 एटीएम, पासबुक, एटीएम कार्ड बरामद किए हैं।
गिरोह का सरगना तिलेश्वर उर्फ दिनेश पुत्र पुनाऊराम पटेल निवासी मयूर नगर थाटीपुर अपनी साथी राखी पुत्री राजेंद्र गौड़ निवासी कटारे वाली गली, सुरैयापुरा और सीता पत्नी आकाश चौहान निवासी वेंडी पार्क के पास, दर्पण कालोनी के साथ मिलकर ठगी की धंधा चला रहा था। एसएसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि ठगी के शिकार ग्वालियर के ही कुछ लोगों द्वारा शिकायत की गई थी। इसके बाद मयूर नगर में पीतांबर त्रिपाठी के घर पर छापा मारा। यह घर किराये पर लेकर तिलेश्वर पटेल काल सेंटर चला रहा था। करीब एक किलोमीटर दूर ही द्वारिकाधीश मंदिर के पास अपार्टमेंट की दूसरी मंजिल पर स्थित फ्लैट में सीता चौहान द्वारा काल सेंटर चलवाया जा रहा था। छापे में दोनों महिला संचालक और यहां काम करने वाली 17 युवतियों को पकड़कर क्राइम ब्रांच थाने लाया गया। इस मामले में एफआइआर दर्ज की गई। तिलेश्वर पटेल घर से भी गायब मिला है। कार्रवाई में क्राइम ब्रांच के डीएसपी नागेंद्र सिंह सिकरवार, साइबर क्राइम विंग के निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह कुशवाह, एसआइ धर्मेंद्र शर्मा की विशेष भूमिका रही।
पूछताछ में सामने आया कि वेबसाइट पर जो भी पंजीयन कराता था तो उससे वाट्सएप पर उसे किस तरह का जीवनसाथी चाहिए, उम्र सहित वार्षिक आय व अन्य जानकारी लेते थे। फिर सुंदर युवतियों के फोटो वाट्सएप पर भेज देते थे। फोटो देखकर कोई नंबर मांगता था तो पंजीयन के एवज में तीन हजार से लेकर 20 हजार रुपये तक लेते थे। मोबाइल नंबर पर वही युवतियां बात करती थीं, जो काल सेंटर में काम करती थीं। कुछ दिन तो बात करती थीं, फिर बहाने से बात करना बंद कर देती थीं। बातचीत में झांसा ऐसा दिया जाता कि कई लोग तो दोबारा रजिस्ट्रेशन तक करा लेते थे। उन्हें लगता था, शायद किसी और युवती से बात बन जाए। उम्रदराज लोग सबसे ज्यादा ठगे गए। एक रिटायर्ड फौजी, जिसकी उम्र 58 वर्ष है, उसके साथ तो तीन बार ठगी हुई। रिटायर्ड प्रोफेसर और रिटायर्ड डाक्टर तक को नहीं छोड़ा।
यह युवतियां भी ठगी में शामिल....पांच हजार रुपये वेतन, बोनस भी मिलता था। मयूर प्लाजा के पीछे चल रहे काल सेंटर से रवीना बौद्ध, दीक्षा सिमौलिया, पूनम जाटव, वंदना परिहार, पूजा कुमारी, रवीना शाक्य, आसमा जाटव, रुकमणी जाटव, पूजा, काजल पटेल, मोना बाथम को पकड़ा, जबकि मयूर नगर में चल रहे काल सेंटर से सीता चौहान, पूजा झा, अंशिका झा, काजल बाथम, वंशिका सेन, संतोषी चौहान, प्रियंका गौतम को पकड़ा है। इन्हें पांच हजार रुपये प्रतिमाह वेतन के अलावा बोनस भी मिलता था। कई युवतियां आर्थिक रूप से कमजोर हैं। कोई अपना परिवार पाल रही है तो किसी के माता-पिता ही नहीं हैं। इनके जरिए संचालक तिलेश्वर पटेल और उसकी महिला साझेदार एक माह में एक काल सेंटर से ढाई से तीन लाख रुपये तक कमाते थे।
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