नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। गोले का मंदिर बैंक कालोनी स्थित अमृत अस्पताल अस्पताल के जनरल वार्ड के पास आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। आग लगने की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड कर्मचारियों ने करीब एक घंटे में आग पर काबू पाया। गनीमत यह रही कि आग लगने के दौरान अस्पताल में मरीज भर्ती नहीं थे। इस कारण बड़ा हादसा टल गया। बताया गया है कि अस्पताल की दूसरी मंजिल पर जनरल वार्ड के पास शार्टसर्किट होने से आग लगी।
आग देखते ही देखते चौथी मंजिल तक पहुंच गई। आग लगने से अस्पताल में रखे 13 पलंग, फर्नीचर, एसी और पंखे जलकर खाक हो गए। आग लगने की सूचना के बाद भी अस्पताल संचालक अमृत गुप्ता मौके पर नहीं पहुंचे। बताया जाता है कि फायर बिग्रेड के अधिकारियों ने भी उनको फोन लगाया था। अस्पताल का स्टाफ भी मौके से भाग गया। इस कारण दमकल दस्ते को पंचनामा बनाने में परेशान हुई। आग लगने के दौरान अस्पताल की ओपीडी में दो मरीज बैठे थे। उनको भी समय रहते बाहर निकाल लिया गया। सूत्र बताते हैं कि अस्पताल का फायर सिस्टम खराब था। वहीं अग्निशमन यंत्र एक्सपायर एक्सपायरी डेट के लगे हुए थे।
संविदा आउटसोर्स कर्मचारियों को दीपावली से पहले वेतन भुगतान किए जाने की मांग की गई है। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष धर्मवीर शुक्ला व एनएचएम आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कोमल सिंह ने एक मांग पत्र शासन को भेजा है।
मांग पत्र में कहा गया कि मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने सभी विभाग प्रमुखों को निर्देशित किया है कि अक्टूबर माह का वेतन 28 तारीख तक दिया जाए, लेकिन संविदा आउटसोर्स कर्मचारियों को कभी भी समय पर वेतन नही मिलता है। जबकि अल्प वेतन पर पूर्ण ईमानदारी से कार्य करने वाले इन कर्मचारियों को भी दीपावली जैसे महत्वपूर्ण त्यौहार पर वेतन न मिलना, इनके और इनके परिवार के साथ छलावा है। इसलिए 28 अक्टूबर तक वेतन का भुगतान किया जाए।