Flood in Gwalior Chambal zone: ग्वालियर, नईदुनिया प्रतिनिधि। ग्वालियर से श्योपुर नैरोगेज ट्रेन को ब्रॉडगेज लाइन में परिवर्तित किया जाना है। कोरोना के कारण डेढ़ साल से इन पटरियों पर नैरोगेज ट्रेन का संचालन बंद है। बीते दिनों रेलवे मुख्यालय प्रयागराज ने श्योपुर-मुरैना नैरोगेज लाइन को उखाड़ने की अनुमति का पत्र दिल्ली रेलवे मंत्रालय को भेज दिया है। अभी तक रेल मंत्रालय ने छोटी लाइन की पटरियों को उखाड़ने की अनुमति नहीं दी, लेकिन उससे पहले ही बाढ़ ने नैरोगेज की लाइन से न सिर्फ जमीन छीन ली, बल्कि उसे हवा में लटका दिया है। दिखाई दे रहा यह हैरतअंगेज नजारा श्योपुर-ढोढर के बीच हांसलपुर गांव में पालम नदी का है।
ग्वालियरः रेलवे कागजाें में उलझा रहा, बाढ़ ने छीन ली श्याेपुर-मुरैना-नैराेगेज ट्रैक की जमीन, देखें वीडियाे... pic.twitter.com/7vcP2CiYtY
— NaiDunia (@Nai_Dunia) August 12, 2021
पालम नदी में इस बार इतिहास की सबसे भीषण बाढ़ आई जो 100 साल से ज्यादा पुराने नैरोगेज के पुल सहित पटरियों के नींचे की जमीन के बहुत बड़े हिस्से को बहाकर ले गई। ट्रैक के नींचे का पुल व जमीन बह जाने के कारण 200 फीट से ज्यादा लंबी रेल की पटरियां हवा में लटक गई हैं। श्याेपुर इलाके में बाढ़ से भयावह तबाही हुई है। इसका अंदाजा आप श्याेपुर-ढाेढर के बीच पालम नदी के पुल पर बने इस रेलवे ट्रैक काे देखकर लगा सकते हैं। यहां पर लाेग अब हवा में झूलती इन पटरियाें काे देखने के लिए पहुंच रहे हैं। साथ ही इसका वीडियाे भी बना रहे हैं।
छुक-छुक ट्रेन के नाम से मशहूरः नैराेगेज ट्रेन पूरे अंचल में छुक-छुक ट्रेन के नाम से मशहूर है। विदेशी पर्यटक भी जब शहर आते हैं ताे इस ट्रेन काे जरूर देखते हैं।