
Guru Pradosh Vrat News: ग्वालियर.नईदुनिया प्रतिनिधि। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह में दो बार त्रयोदशी तिथि पड़ती है। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। दोनों त्रयोदशी तिथि भगवान भोलेनाथ को समर्पित है। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि इस दिन प्रदोष काल में माता पार्वती और भगवान भोलेशंकर की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष काल में की गई भगवान शिव की पूजा कई गुना ज्यादा फलदायी होती है। वैशाख महीने में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी 28 अप्रैल को बृहस्पतिवार के दिन होने से इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाएगा। इस दिन व्रत करने से शत्रुओं पर विजय, आरोग्य, सुख, धन, संपत्ति आदि की प्राप्ति होती है।
प्रदोष व्रत पूजा विधिः
प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान-ध्यान कर शिव जी का पूजन करें। इसके बाद दिन में भगवान शिव का मनन एवं कीर्तन आदि करते हुए शाम के समय एक बार फिर स्नान करें और सूर्यास्त के समय प्रदोषकाल में भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करें। पूजा आप किसी भी शिव मंदिर या घर पर कर सकते हैं। पूजा में आप शिव को बेलपत्र, भांग, धतूरा, फूल, फल, चंदन, अक्षत्, धूप, दीप, गंध, गंगाजल, गाय का दूध आदि अर्पित कर विधि विधान से पूजा करें। इस दौरान ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें. फिर शिव चालीसा एवं व्रत कथा का पाठ करें और अंत में शिव जी की आरती करें। पूजा के दौरान भगवान शिव को सत्विक चीजों का भोग लगाकर स्वयं ग्रहण कर और अन्य लोगों को भी बाटें।
प्रदोष व्रत तिथि:
वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 अप्रैल को रात्रि 12:23 से शुरू होगी 29 अप्रैल को रात 12:26 पर समाप्त होगी। उदयातिथि की मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत 28 अप्रैल को रखा जाएगा।
पूजा मुहूर्त:
पूजा का मुहूर्त शाम 06:54 से रात्रि 09:04 तक रहेगा।
प्रदोष व्रत 2022 की तिथियांः
28 अप्रैल गुरुवार गुरू प्रदोष व्रत, 13 मई शुक्रवार शुक्र प्रदोष व्रत, 27 मई शुक्रवार शुक्र प्रदोष व्रत, 12 जून रविवार रवि प्रदोष व्रत, 26 जून रविवार रवि प्रदोष व्रत, 11 जुलाई सोमवार सोम प्रदोष व्रत, 25 जुलाई सोमवार सोम प्रदोष व्रत, 09 अगस्त मंगलवार भौम प्रदोष व्रत, 24 अगस्त बुधवार बुध प्रदोष व्रत, 08 सितंबर गुरुवार गुरू प्रदोष व्रत, 23 सितंबर शुक्रवार शुक्र प्रदोष व्रत, 07 अक्टूबर शुक्रवार शुक्र प्रदोष व्रत, 22 अक्टूबर शनिवार शनि प्रदोष व्रत, 05 नवंबर शनिवार शनि प्रदोष व्रत, 21 नवंबर सोमवार सोम प्रदोष व्रत, 05 दिसंबर सोमवार सोम प्रदोष व्रत, 21 दिसंबर बुधवार बुध प्रदोष व्रत रखा जाएगा।
