
ग्वालियर। नईदुनिया प्रतिनिधि
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने सिटी सर्किल में उपभोक्ताओं के मीटरों की रीडिंग कर बिल वितरण करना शुरू कर दिया है। मगर इस बार अधिकतर उपभोक्ताओं को 45 दिन की खपत की रीडिंग होने से भारी भरकम राशि के बिल मिले हैं। इतनी अधिक राशि के बिल ने उपभोक्ताओं की परेशानी को बढ़ा दिया है। 30 दिन में 300 यूनिट की खपत करने वाले को 45 दिन का 450 यूनिट का बिल दिया गया है। 400 यूनिट की खपत करने वाले के घर 600 यूनिट का बिल आया है। इससे 300 यूनिट वाले उपभोक्ता पर 513 रुपये और 400 यूनिट वाले को 339 रुपये का तक की चपत लगी है। कंपनी उनकी खपत को विभाजित नहीं कर रही है। कोरोना काल में कंपनी का बिल साइकिल बदलना उपभोक्ताओं पर भारी पड़ा है। भारी भरकम बिल मिलने के बाद उफभोक्ता कंपनी कार्यालय में शिकायत करने पहुंचने लगे हैं।
आपको लगने वाली चपत को ऐसे समझें
1- यूनिट 200 खपत करने वाले को 251 रुपये की चपत
-30 दिन में 200 यूनिट बिजली की खपत होने पर 1472 रुपये का बिल
- 45 दिन का बिल जारी होने से खपत पहुंची 300 यूनिट। इसका बिल 2330 रुपये आया है।
-100 यूनिट अतिरिक्त होने से 856 रुपये का बिल बढ़ा है। निर्धारित बिलिंग साइकिल के हिसाब से 100 यूनिट का 605 रुपये का बिल होना चाहिए था।
- 45 दिन की साइकिल होने से 100 यूनिट पर महंगा टैरिफ लगा। जिससे 251 रुपये अतिरिक्त देने पड़े।
2- 300 यूनिट खपत करने वाले को 513 रुपए की चपत
-30 दिन में 300 यूनिट बिजली की खपत करने पर 2330 रुपये की बिलिंग होनी चाहिए थी।
- 45 दिन का बिल जारी होने से खपत पहुंची 450 यूनिट। 450 यूनिट का बिल आया है 3733 रुपये
-150 यूनिट बिजली की अतिरिक्त खपत होने से 1403 रुपये का बिल बढ़ा है। निर्धारित साइकिल के हिसाब से 150 यूनिट का 889 रुपये का बिल मिलता।
-45 दिन की साइकिल होने से 150 यूनिट पर महंगा टैरिफ लगा। जिससे 513 रुपये अतिरिक्त देने पड़े।
3- 400 यूनिट खपत करने वाले को 339 रुपए की चपत
-30 दिन में 400 यूनिट की खपत करने वाले को आता है 3287 रुपए का बिल
- 45 दिन का बिल जारी होने से खपत पहुंची 600 यूनिट। 600 यूनिट का बिल आता है 5098 रुपए
-200 यूनिट अतिरिक्त होने से 1811 रुपये का बिल बढ़ा है। साइकिल के हिसाब से 200 यूनिट का 1472 रुपए का बिल मिलता।
-45 दिन की साइकिल होने से 200 यूनिट पर महंगा टैरिफ लगा। जिससे 339 रुपए अतिरिक्त देने पड़े।
(नोट- बिजली कंपनी का टैरिफ टेलीस्कोप पद्धति पर आधारित रहता है। स्लैब के हिसाब से यूनिटों पर पैसे काउंट किए जाते हैं और फिर उन्हें जोड़कर बिल जारी किया जाता है। बिजली कंपनी की वेबसाइट पर बिल कैलकुलेटर मौजूद है। वहां अपने बिल की गणना कर पता लगा सकते हैं। नईदुनिया ने बिजली कंपनी के कैलकुलेटर व बिलों से ली गई खपत, विशेषज्ञों से गणना कराकर उपभोक्ता को लगने वाली चपत को समझाया है। )
केस-1
लोहिया बाजार निवासी ममता शर्मा के मीटर की स्पॉट रीडिंग होने के बाद 23 अगस्त को बिल मिल जाना चाहिए था, लेकिन 7 सितंबर को उन्हें बिल मिला है। 45 दिन की खपत से उनका बिल बढ़ गया।
केस-2
संत कंवरराम कॉलोनी निवासी विष्णु स्वरूप को 23 अगस्त तक बिल मिलना था, लेकिन उनकी रीडिंग 8 सितंबर को हुई है। उन्हें 46 दिन का बिल मिला है। इनकी खपत में 200 यूनिट की बढ़ोतरी हुई है।
फैक्ट फाइल
- घरेलू व गैर घरेलू उपभोक्ता- 2.56 लाख
- एक उपभोक्ता से 200 रुपये अतिरिक्त मिले तो कंपनी को संभावित फायदा- 5 करोड़
इनका कहना है...
वर्जन..
बिजली के बिलों को माहवार लाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे मीटर रीडिंग व बिल दोनों ही चालू माह में मिलने लगेंगे।
संजय दुबे, प्रमुख सचिव ऊर्जा
वर्जन..
बिजली बिल साइकिल में एकरूपता लाने के लिए साइकिल में बदलाव किया गया है। 45 दिन की खपत के बिल की जानकारी नहीं है। नए कोविड राहत ऑर्डर के चलते भी ऐसा हुआ है। उसका परीक्षण करा लिया जाएगा।
विशेष गढ़पाले, प्रबंध संचालक, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी