Gwalior Court News: ग्वालियर.नईदुनिया प्रतिनिधि। हाई कोर्ट की एकल पीठ ने दतिया के पूर्व विधायक राजेंद्र भारती की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। भारती ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर तर्क दिया कि उन्हें झूठा फंसाया गया है। यह राजनैतिक षठयंत्र है। ये पूर्व विधायक भी रहे हैं। अपीलार्थी व शिकायकर्ता आपस में समझौता हो चुका है। जिला कोर्ट में इसका आवेदन लंबित है। पुलिस की ओर से जमानत याचिका का विरोध किया गया। शिकायत कर्ता ने खुद मामला दर्ज कराया है। यह गंभीर मामला है। इसलिए जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है। को्र्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। ज्ञात हो कि 27 अगस्त 2021 को वीर सिंह वंशकार ने कोतवाली थाने में अावेदन दिया कि राजेंद्र भारति के यहां किराए पर गाड़ी लगाई थी। 18 हजार रुपये किराया तय हुअा था। जब किराया नहीं दिया तो गाड़ी वापस मांगी। राजेंद्र भारती ने उन्हें गालियां देते हुए अपमानित किया। प्रथम दृष्टया अपराध प्रमाणित पाए जाने पर कोतवाली ने एट्रोसिटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था। जिला कोर्ट से अग्रिम जमानत आवेदन खारिज होने के बाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने भी जमानत याचिका खारिज कर दी।
पिता की हत्या के मामले में बेटा दोषमुक्त
हाई कोर्ट की युगल पीठ ने पिता की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बेटे को दोषमुक्त कर दिया। आरोपित को 2015 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। आरोपित ने जो सजा काट ली है, उसे पर्याप्त मानते हुए दोषमुक्त किया है। अधिवक्ता दाताराम माहौर ने बताया कि शिवपुरी जिले के ग्राम झंडापुरा पिता पुत्र के बीच झगड़ा हो रहा था। पंचम के हाथ से पिता को लाठी लग गई, जिससे खून निकलने लगा। अधिक खून बह जाने से पिता की मौत हो गई। मगरौनी थाने हत्या का केस दर्ज किया था। अपर सत्र न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सजा को हाई कोर्ट में चुनौती दी। दाताराम माहौर का कहना था कि अचानक हुई घटना थी। इसे हत्या नहीं कहा जा सकता है।