Gwalior disability card News: ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। पिछले छह महीने से तीन सौ दिव्यांग कार्ड बनवाने के लिए भटक रहे हैं। इनकी परेशानी स्वास्थ्य विभाग नहीं देख रहा है। कभी यह जेएएच पहुंचते ताे कभी जिला अस्पताल। पर इनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। असल में दिव्यांगों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो। इसलिए देशभर में एक यूनिक आईडी कार्ड बनाया जा रहा है। इसके तहत जिले में भी दिव्यांगों की यूनिक आईडी बनाने का काम शुरू किया गया। लेकिन जिले में 300 से अधिक ऐसे दिव्यांग हैं, जो यूनिक आईडी के लिए छह माह से चक्कर काट रहे हैं। दरअसल दिव्यांगों के विक्लांग प्रमाण पत्र पीले व नीले रंग के बनाए जाते हैं, जिन्हें रिन्यू कराने के लिए दिव्यांगों को परेशान होना पड़ता था। इसी परेशानी को देखते हुए शासन ने यूनिक आईडी कार्ड बनाने के निर्देश दिए थे। इस पर वर्ष 2018 में सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा जयारोग्य चिकित्सालय परिसर में बने पुनर्वास केंद्र में एक क्लर्क को इस काम के लिए पहुंचाया गया। क्योंकि उक्त कार्ड सिविल सर्जन की आईडी से ही जारी किए जाते हैं। लेकिन वर्ष 2021 में विकलांग कार्ड में हुए फर्जीवाड़े के बाद यह काम रोक दिया गया। इतना ही नहीं क्लर्क भी सिविल सर्जन कार्यालय वापस पहुंच गया। जिस कारण यूनिक आई कार्ड बनाने का काम पूरी तरह ठप्प हो गया। इसके बाद सिविल सर्जन ने पुनर्वास केन्द्र के अधिकारियों को पत्र भेजकर सभी नीले व पीले कार्ड सिविल सर्जन कार्यालय में भेजने की बात कही। इस पर केन्द्र द्वारा कार्ड भी भेजे गए। लेकिन कार्डों में अधूरी जानकारी होने के कारण जिले में करीब 300 दिव्यांग सिविल सर्जन व पुनर्वास केन्द्र के चक्कर काट रहे हैं। इतना ही नहीं पुनर्वास केन्द्र के अधिकारियों का कहना है कि दिव्यांगों की पूरी जानकारी सिविल सर्जन को भेज दी गई है। जबकि सिविल सर्जन का कहना है कि यूनिक आईडी कार्ड बनाने में जो परेशानियां आ रहीं हैं, उन्हें दूर कर जल्द से जल्द सभी के कार्ड बना दिए जाएंगे।