Gwalior Education News: ग्वालियर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मानव शरीर लगाातार स्वास्थ्य सूचनाओं का संचार करता है, जो अंगों की स्थिति और समग्र स्वास्थ्य जानकारी को दर्शाता है। इसी तरह अब स्पीच सिग्नल को बायोमेडिकल सिग्नल की तरह उपयोग कर मेडिकल डायग्नोस के तौर पर काम में लिया जा सकता है। स्पीच में शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक स्थितियों से संबंधित जानकारी होती है। इसकी मदद से हम कोविड टेस्ट भी कर सकते हैं। साथ ही अन्य बायोमेडिकल सिस्टम को भी डिटेक्ट किया जा सकता है। स्पीच सिग्नल पर आधारित जल्द ही ये डिवाइस तैयार होने वाला है। जिससे आपको घर बैठे स्वयं ही अपनी मेडिकल डायग्नोसिस कर सकते हैं। यह कहना था आइईईई के सीनियर मेंबर और सउदी अरेबिया की किंग खालिद यूनिवर्सिटी के प्रो. डा. उस्माना हैं। वे बुधवार को आइटीएम यूनिवर्सिटी के स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी के इलेक्ट्रानिक एंड कम्युनिकेशन विभाग द्वारा आयोजित विशेष वेबिनार को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मेडिकल डायग्नोसिस फ्राम स्पीच एज ए बायोमेडिकल सिग्नल यूजिंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय पर अपने विचार रखे। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए प्रो. डा. उस्माना ने कहा कि दैनिक जीवन में, बेहतर जीवन कई उपकरणों और अनुप्रयोगों से जुड़ा है। टच सेंसर जैसे सेंसर टच स्क्रीन और टच पेड में शामिल होते हैं। इस मौके पर आइटीएम के वाइस चांसलर डा. एसएस भाकर की भी मौजूदगी थी।
श्रीराम कालेज के विद्यार्थियों का कैंपस में सिलेक्शनः श्रीराम प्राआइटीआइ बरौआ में मारुति सुजूकी मोटर कंपनी ने कैंपस प्लेसमेंट की प्रक्रिया पूरी की। इसमें 70 विद्यार्थियों ने भाग लिया। इनमें से 15 विद्यार्थी साक्षात्कार राउंड में पहुंचे। अंत में नौ का चुनाव किया गया। इस मौके पर संस्था चेयरमैन रामवीर सिंह जादौन, प्राचार्य शिशुपाल यादव, राममिलन सिंह परिहार, रवि साहू, योगेंद्र सिंह जादौर और पुष्पेंद्र चौरे आदि की मौजूदगी रही।