Gwalior Education News: ग्वालियर.नईदुनिया प्रतिनिधि। सेंट्रल बोर्ड आफ सेकेंडरी एजुकेशन सीबीएसई ने विद्यालय स्तर पर ही विद्यार्थियों में स्किल का विकास करने के लिए नए सत्र से कक्षा 6वी से 12वी से ही बच्चों को टेक्नो फ्रेंडली बनाएगा। जारी सर्कूलर के अनुसार नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत बच्चों को कोडिंग सिखाया जाएगा। नए सत्र से बच्चों को कोडिंग और डेटा साइंस के कोर्स की शुरू करने जा रहा है। माइक्राेसॉफ्ट की मदद से सीबीएसई बच्चों को नए जमाने के कौशल सिखा कर सशक्त बनाने के लिए कक्षा छह से ही कोडिंग कक्षा की शुरूआत होगी। ऐसे में यह पहल बच्चों के करियर के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होगा।
साथ ही विद्यार्थियों को अपग्रेड एजुकेशन देने के लिए स्किल्स कोर्स की हैंडबुक तैयार की है। सहोदय अध्यक्ष डा.राजेश्वरी सावंत ने बताया कि भारत में भविष्य को देखते हुए इस पॉलिसी को डिजाइन किया गया है। इसलिए अब 6वीं से 12वी कक्षा तक विद्यार्थी विभिन्न क्षेत्र में स्वंय के अनुसार स्किल्स में पकड़ कर सकेंगे। अब कॉलेज में जाने से पहले ही उसे बेसिक्स जानकारी होगी। विदेशों की बात करें तो उनके बच्चों को स्कूल में ही ज्यादा से ज्यादा स्किल्स की नॉलेज होती है।
कंप्यूटर की भाषा से होंगे अवगत-
कंप्यूटर को अभी तक विद्यार्थी बाहर से ही जानता हैं लेकिन अब इसकी भाषा यानि कोडिंग को समझ सकेगा। कोडिंग को प्रोग्रामिंग भी कहते हैं इसका इस्तेमाल करके ही गेम,वेबसाइट या एप तैयार किया जा सकता है। इसका भविष्य में काफी उपयोग होने वाला क्योंकि ज्यादा से ज्यादा कार्य शैली डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ही निर्धारित हो चुकी है। इसलिए बच्चों को स्कूल से ही सिखाया जाएगा।
- कक्षा 9वी और 10वी में विद्यार्थियों को फाइनेंस और इंजीनियरिंग क्षेत्र में कर सकेंगे सिकल्स कोर्से। उन्हें विद्यालय स्तर से ही इस विषय संबंधित जानकारी दी जाएगी। साथ ही वेब एप्लीकेशन,हॉर्टिकल्चर,टैक्सेशन,कॉस्ट एकाउंटिंग,इंर्फोमेशन टेक्नोलॉजी,ऑटोमोटिव,सिक्योरिटी,इंट्रोडक्शन टू फाइनेंशियल मार्केट्स,इंट्रोडक्शन टू टूरिज्म,एग्रीकल्चर,फूड प्रोडक्शन,फ्रंट ऑफिस,बैंकिंग एंड इंशोरेंस,मार्केटिंग एंड सेल्स,हैल्थ केयर, परिधान, मीडिया, मल्टी स्किल फाउंडेशन कोर्स,फिजिकल एक्टिविटी ट्रेनर आदि विषयों के साथ डाटा साइंस का भी चुनाव कर सकेंगे।