नईदुनिया प्रतिनिधि,ग्वालियर। अनुसूचित वर्ग के लिए डबरा विधानसभा का मतदाता परिसीमन के बाद से कांग्रेस के मजबूत गढ़ के रूप में सामने आया है।वर्तमान लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को बड़े अंतर से डबरा विधानसभा क्षेत्र से जीत की उम्मीद थी, लेकिन इस बार डबरा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी प्रवीण पाठक को 83 हजार 672 मत मिले और भाजपा प्रत्याशी को 70 हजार 524 मत मिले। कांग्रेस को भाजपा के मुकाबले 13 हजार 172 मत मिले। जबकि डबरा से पूर्व मंत्री इमरती देवी का कांग्रेस को साथ देने के आडियो भी इंटरनेट मी़डिया पर वायरल हुए थे और यहां से कांग्रेस की बड़ी जीत के लिए राजस्थान के युवा नेता सचिन पायलट की सभा भी हुई थी। कांग्रेस को डबरा विधानसभा से बड़े अंतर से जीत की उम्मीद थी।
परिसीमन के पहले से भाजपा डबरा भाजपा की मजबूत स्थिति थी। पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का डबरा विधानसभा में दबदबा रहा। दिग्विजय सिंह शासनकाल में भी भाजपा ने यहां से जीत दर्ज की।किंतु परिसीमन के बाद से इस विधानसभा की प्रकृति बदली हुई नजर आई। पहली बार ईमरती देवी ने कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर यह सीट भाजपा से छीनकर कांग्रेस की झोली डाली। उसके बाद से लगातार कांग्रेस ने यहां से जीत दर्ज करती आ रही है।
इमरती देवी भाजपा के चुनाव चिन्ह पर एक उपचुनाव व पिछला सामान्य विधानसभा चुनाव हार चुकी है। डबरा विधानसभा का मतदाता लोकसभा चुनाव में अपनी बदली प्रकृति के स्वरूप में कांग्रेस के साथ खड़ा नजर आया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को भाजपा के मुकाबले तीन प्रतिशत मत अधिक मिले थे, 2013 के लोकसभा चुनाव में सात प्रतिशत और 2009 के चुनाव में दो प्रतिशत अधिक मत मिले थे।। हालांकि कांग्रेस को डबरा विधानसभा क्षेत्र से 20 से 25 हजार मतों के अंतर से जीत की उम्मीद थी।कुल मिलाकर इस बार कांग्रेस को निराशा हाथ लगी है।