Gwalior Fungus News: ग्वालियर, नईदुनिया प्रतिनिधि। पूरे देश से अपने पिता के इलाज के लिए मदद मांगने वाली बेटी रेनू शर्मा के पिता राजकुमार शर्मा मंगलवार को अस्पताल में मौत से हार गए। कोविड के बाद वे फंगस से पीड़ित थे और 27 अप्रैल से अपोलो अस्पताल में भर्ती थे। सात दिन पहले बेटी रेनू शर्मा ने इंटरनेट मीडिया के हर प्लेटफार्म के जरिए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया,ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, कलेक्टर से लेकर अभिनेता सोनू सूद तक से एंफोटेरिसिन इंजेक्शन की मांग की थी। जितने की जरूरत थी उतने समय पर नहीं मिल सके। ढेरों भरोसे मिले पर समय पर मदद नहीं। पिता अस्पताल में मौत से जूझ रहे थे तो बेटी बाहर मदद के लिए हर स्तर पर जंग लड़ रही थी। अपोलो अस्पताल के डाक्टरों का कहना है कि मरीज के ब्रेन तक फंगस पहुंच गया था। उनके ब्रेन का आपरेशन करना संभव नहीं था। फंगस के कारण मरीज की एक आंख और जबड़े का आधा हिस्सा आपरेशन कर निकाला जा चुका था। मरीज के शव को स्वजन अपने पैतृक गांव अकोड़ा जिला भिंड ले गए, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।
मदद की आस: पिता के लिए हर तरफ किए थे प्रयासः रेनू ने अपने पिता को इलाज दिलाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए थे। अपना वीडियो वायरल कर सबसे मदद मांगी थी। सोनू सूद से भी आनलाइन बात हुई थी और मदद का भरोसा मिला। सीएम ने भी मीडिया प्रभारी के माध्यम से संदेश भेजा था कि सीएम चिंता कर रहे हैं। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह ने भी प्रशासन को निर्देश दिए थे। रेनू ने मिलाप संस्था के साथ कई मददगार संस्थाओं से मदद मांगी थी और कुछ मदद मिली भी थी। हर इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म पर रेनू ने पिछले कुछ दिनों में अपना खाता बनाया और पिता के लिए अपील की।
कोरोना को हराने के बाद आए फंगस के लक्षणः डीडी नगर निवासी राजकुमार शर्मा 27 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हुए थे। इसके बाद वह ठीक हो गए। उसके10 दिन बाद उनमें फंगस के लक्षण सामने आए। उनके चहरे व आंख पर सूजन आ गई। 15 मई को उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया। जहां उनका पहला आपरेशन साइनस का हुआ फिर आपरेशन कर आंख निकाली गई, बाद में आधा जबड़ा भी निकालना पड़ा था। अपोलो हास्पिटल के संचालक डा.पुरेन्द्र भसीन का कहना है कि राजकुमार शर्मा का दो दिन से स्वास्थ्य बिगड़ने लगा था। जांच में पता चला कि फंगस उनके ब्रेन तक पहुंच गया है। न्यूरोसर्जन से भी मार्गदर्शन लिया गया, पर आपरेशन संभव नहीं हो सका।
फोरेस्ट गार्ड के ब्रेन तक पहुंचा फंगस, जेएएच में भर्तीः शिवपुरी निवासी फोरेस्ट गार्ड महेंद्र शर्मा को दो दिन पहले फंगस की शिकायत हुई। जिन्हें स्वजनाें ने जनक हास्पिटल में भर्ती करा दिया । एमआरआइ जांच में पता चला कि फंगस ब्रेन तक पहुंच गया है तो उन्हें मंगलवार की शाम जेएएच में शिफ्ट किया गया। महेन्द्र शर्मा की 19 वर्षीय बेटी प्राची शर्मा ने इंटरनेट मीडिया पर मंगलवार की दोपहर एक वीडियो वायरल करते हुए एंफोटेरिसिन बी इंजेक्शन उपलब्ध कराने की प्रशासन से मांग की है।
पहले मां को खोया, अब पिता के जीवन पर संकटः बेटी प्राची का कहना है कि उसकी मां की कोरोना के चलते चार मई को मौत हो गई। उसी दिन पिता भी कोरोना संक्रमित पाए गए। उन्हें ग्वालियर के केडीजे अस्पताल में भर्ती किया गया। 19 मई को उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई तो घर ले गए, जहां उन्हें पैरालाइसिस अटैक आया। इसके बाद उनका इलाज कराया तो दो दिन पहले एमआरआइ जांच में पता चला कि ब्रेन में फंगस है। तब जनक हास्पिटल में भर्ती किया, इसके बाद जेएएच में शिफ्ट कर दिया। उन्हें ब्रेन हैमरेज भी हुआ है। प्राची का कहना है कि डाक्टरों ने आपरेशन करने के लिए कहा है।
जेएएच से छह मरीज डिस्चार्जः जयारोग्य अस्पताल के प्रवक्ता डा.देवेन्द्र कुशवाह का कहना है कि अस्पताल में फंगस के शिकार मरीजों की संख्या 54 है। जिसमें से एक मरीज कोरोना संक्रमित है। जेएएच में अब तक 34 मरीजों का आपरेशन हो चुके हैं। जबकि छह मरीज मंगलवार को डिस्चार्ज किए गए। इधर अपोलो हास्पिटल में मरीजों की संख्या पांच है।