
एक केंद्रीय मंत्री की दखलअंदाजी के कारण प्रशासन को रद्द करना पड़ा था मुख्य आयोजन,
नईदुनिया ने मुद्दा बनाया तो भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के दखल के बाद हरकत में आई शिवराज सरकार, अब उत्सव के रूप में मनेगा
Gwalior Gorav Divas: वीरेंद्र तिवारी. ग्वालियर। विदेश में भारत की शान ऊंची करने वाले ग्वालियर के सपूत अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन (25 दिसंबर) इस साल से ग्वालियर गौरव दिवस के रूप में भी भव्य तरीके से मनाया जाएगा। घरों में दीपक जलेंगे, पूरे शहर को सजाने के साथ ही मुख्य समारोह शहर के हृदय स्थल महाराज बाड़ा पर होगा। हर साल अटल सम्मान भी दिया जाएगा। इस साल का अटल सम्मान राष्ट्रवादी कवि हरिओम पवार को देना तय हुआ है। अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन को ही ग्वालियर गौरव दिवस मनाने को लेकर दो दिन से पूरे मप्र की राजनीति गरमाई हुई थी। दरअसल एक केंद्रीय मंत्री अटलजी के नाम पर सहमत नहीं थे। इसीलिए प्रशासन ने ऐन वक्त पर ठंड का बहाना बनाते हुए गौरव दिवस का आयोजन स्थगित कर दिया गया था। नईदुनिया के खुलासे के बाद जब मामला दिल्ली तक पहुंचा को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूरे आयोजन की कमान संभालते हुए गौरव दिवस को भव्य तरीके से मनाने की घोषणा कर दी।
गौरव दिवस के मायने क्या
सरकार के निर्देश के बाद इस साल से यह परंपरा शुरु हुई है कि प्रदेश का हर जिला अपना गौरव दिवस (स्थापना दिवस) खुद तय कर उसे हर साल उत्साह से मनाए। इसी कड़ी में ग्वालियर प्रशासन ने 25 दिसंबर को गौरव दिवस मनाने का तय करते हुए 18 दिसंबर से कार्यक्रमों का आयोजन शुरु कर दिया। मुख्य समारोह के लिए पार्श्व गायिका अनुराधा पौडवाल और सरोद वादक अमजद अली खान को आमंत्रित किया गया। लेकिन अचानक 21 दिसंबर की रात को प्रशासन ने सारे आयोजनों को रद्द कर दिया। बहाना बनाया गया कि ठंड बहुत है।
नईदुनिया के खुलासे से हरकत में आया केंद्रीय नेतृत्व
अचानक कार्यक्रम रद्द किए जाने की कारणों की नईदुनिया ने पड़ताल की तो चौकाने वाला तथ्य सामने आया। एक केंद्रीय मंत्री की दखलअंदाजी के चलते ही प्रशासन को ऐसा निर्णय लेना पड़ा था। जिन प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा तय की थी वह भी मामले पर टालमटोल करने लगे। दो दिन जब नईदुनिया ने तथ्यात्मक रिपोर्टिंग की तो शुक्रवार सुबह प्रदेश भाजपा में हडकंप मच गया। वरिष्ठ नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व तक कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए अटलजी के जन्मदिन को ही ग्वालियर का गौरव दिवस घोषित करने की मांग की। अटलजी के नाम पर विवाद खड़ा करने को लेकर मंत्रियों तक की शिकायत भी हाईकमान तक पहुंच गई।
दिल्ली से फोन और पूरा दृश्य बदल गया
शुक्रवार दोपहर को दिल्ली केंद्रीय नेतृत्व से एक फोन सरकार के पास पहुंचता है। मिनटों में पूरा दृश्य बदल गया। आनन-फानन में ग्वालियर कलेक्टर ने प्रेस कांफ्रेंस कर गौरव दिवस की घोषणा कर दी । रात होते होते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आयोजन की कमान लेते हुए तैयारियों की मैराथन समीक्षा शुरू कर देते हैं। अब तक चुप्पी साधे बैठे भोपाल से लेकर ग्वालियर तक भाजपा और प्रशासनिक पदाधिकारियों में करंट दौड़ जाता है।