-विभिन्न मंदिरों में होगी विशेष पूजा अर्चना, आरोग्य व सुख-समृद्धि की होगी कामना
-मंगल ग्रह रहेंगे नव संवत्सर के स्वामी, कुंडली में शुभ अवस्था में होने पर साहस, पराक्रम व शौर्य को करते हैं प्रदर्शित
Gwalior Hindu Nav Varsh: विजय सिंह राठौर. ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। विक्रम संवत 2078 13 अप्रैल, मंगलवार से शुरू हो जाएगा। ऐसे में शहर के विभिन्न हिंदू संगठनों द्वारा हिंदू नवसंवत्सर के अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना व पंचांग पूजन के साथ लोगों के आरोग्य व सुख-समृद्धि की कामना की जाएगी। इस नव संवत्सर के राजा मंगल ग्रह रहेंगे। ज्योतिष में मंगल को भूमि पुत्र माना जाता है, ये पराक्रम के भी कारक ग्रह हैं। इस पूरे वर्ष यानि नवसंवत्सर 2078 में ये अपना प्रभाव दिखाएंगे।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि 13 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि शुरु होने के साथ ही हिंदू कैलेंडर का संवत बदल जाएगा। हिंदु नववर्ष का आरंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से माना जाता है। इस प्रतिपदा पर नव संवत्सर राक्षस शुरू होगा। वर्तमान संवत 2077 'प्रमादी" संवत्सर फाल्गुन मास तक रहेगा। इसके बाद पड़ने वाला 'आनंद" नाम का विलुप्त संवत्सर पूर्ण वत्सरी अमावस्या तक रहेगा। भारतवर्ष में ऋतु परिवर्तन के साथ ही हिंदू नववर्ष प्रारंभ होता है। चैत्र माह में शीतऋतु को विदा करते हुए और वसंत ऋतु के परिवेश के साथ हिंदू नववर्ष अता है। इस 2078 संवत्सर के राजा और मंत्री दोनों ही मंगल होंगे। अपने राजा व मंत्री होने का पद संभालते हुए, वे अपना प्रभाव दिखाना शुरु कर देंगे। मंगल ग्रह अग्नि तत्व होने के कारण ऊर्जा, हिंसा, लड़ाई, झगड़े आदि के कारक ग्रह कहे जाते हैं। मगर यदि मंगल किसी व्यक्ति की कुंडली में शुभ अवस्था में स्थित हो तो ये साहस, पराक्रम व शौर्य के स्वामी बन इन सभी गुणों को प्रदर्शित करते हैं।