ग्वालियर, नईदुनिया प्रतिनिधि। 70 करोड़ के हुंडी कांड में आशू उर्फ आशीष गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद पुलिस के टारगेट पर सट्टा किंग मोनू गुप्ता (डबरा)है। मोनू की जन्मपत्री खंगालने पर पुलिस अधिकारी भी स्तब्ध हैं। क्रिकेट मैच का डबरा से लेकर दुबई तक नेटवर्क खड़ा करने वाला मोनू अब तक पुलिस के हाथ कैसे नहीं आया? यह बड़ा सवाल पुलिस अधिकारियों के सामने है। कौन सी ताकत उसे अब तक पुलिस से बचाए हुई थी। करोड़ों का मैच का सट्टा लगाने वाले मोनू के परिवार का कोई बड़ा बैक ग्राउंड भी नहीं है। पिता महेश गुप्ता की डबरा के अड्डा बाजार में छोटी सी मिठाई की दुकान थी और दूध बेचते थे। आज मोनू के परिवार की गिनती डबरा में नही शहर के प्रमुख धनाढ्य में होती है। डबरा और माधवनगर में अलीशान बंगला सबके सामने है। मोनू से जुड़े लोगों का कहना है कि शहर में प्राेपर्टी के हर बड़े सौदे में मोनू डबरा का नाम होता है। इन लोगों का कहना है कि गोवा में शिप में चलने वाले कैसिनों से लेकर दुबई तक के कैसिनों में उसकी हिस्सेदारी है। एएसपी राजेश दंडौतिया का कहना है कि उसकी संपत्ति और उसके धंधे के राज उसके पकड़े जाने के बाद भी खुल सकेंगें।
मोनू के दो और भाई है, एक साथ में काम करता हैः महेश गुप्ता के तीन बेटे हैं। बड़ा बेटा राहुल है, जो कि दिखाने के लिए डबरा में गुड़ का कारोबार करता है। दूसरे नंबर का मोनू उर्फ रीतेश गुप्ता है, जो कि मैच के सट्टे एमपीेएक्स का बड़ा खिलाड़ी है। मोनू का छोटा भाई अभिषेक उर्फ सोनू भी मोनू के काम करते देखा गया है।अभिषेक अक्सर मोनू के सनातन धर्म मंदिर के पास स्थित आफिस में नजर आता था, अब वह भी गायब है। गुप्ता परिवार से जुड़े नजदीकी सूत्रों का कहना है कि मोनू के साथ अभिषेक भी है।
लग्जरी लाइफ का शौकीन है मोनूः शहर के सफेद कालर व्यापारियों के बीच बैठकर काले धंधे करने वाला मोनू लग्जरी लाइफ जीने का आदी है और उसके संपर्क में डबरा व जिले के बड़े नेता हैं। ठगी के आरोपी आशू उर्फ आशीष गुप्ता ने भी मोनू के काला चिट्ठा पुलिस के सामने खोलकर रख दिया है।
अब मोनू को पकड़ने के लिए उसके गुर्गों पर पुलिस की नजरः मैच के सट्टे का काम मोनू अकेला नहीं करता था। जिले से लेकर देश के कई राज्यों के साथ व दुबई तक फैले मैच के नेटवर्क में कई सफेदपाश उसके सहयोगी हैं। मोनू के धंधों में साझेदार के गायब होने के बाद पुलिस ने उसके स्थानीय नेटवर्क को टटोलना शुरू कर दिया है। पुलिस को पता चला है कि मैच के सट्टे के पैसे काे वसूलने के मामले में जीवाजी क्लब में सुबह से लेकर रात तक नजर आने वाले सिंध विहार निवासी एक व्यापारी का नाम भी सामने आया है। पुलिस स्थानीय नेटवर्क से मोनू तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। पुलिस ने कई लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया है। एएसपी राजेश दंडौतिया के मुताबिक मोनू के नेटवर्क से जुड़े कई नाम उन तक पहुंचे हैं। उसके काले धंधे में किसकी कितनी भूमिका है, इसकी जांच की जा रही है।