Gwalior Kala Sanskriti News: ग्वालियर, नईदुनिया प्रतिनिधि। पड़ाव स्थित तानसेन कलावीथिका में छह दिवसीय वीर भारतीय सैनिक चित्रकला प्रदर्शनी शनिवार से शुरू हुई। शुभारंभ सत्र के मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर वीएम शर्मा थे। इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित कला को शहर के युवा कलाकार हेमंत रोजिया ने दो साल में तैयार किया है। प्रदर्शनी में इनकी 43 पेंटिंग का प्रदर्शन किया जा रहा है। इनमें 38 शहीद, 3 वीर सैनिक और 2 क्रांतिकारी वीरों की पेंटिंग शामिल हैं। ब्रिगेडियर शर्मा ने प्रदर्शनी का अवलोकन कर कहा कि युद्ध में जब देश के सैनिक दुश्मन से लड़ते हैं तो उनकी आंखों के सामने भारत माता का नक्शा और करोड़ों देशवासी रहते हैं। इस बीच उनके दिल से परिवार और दोस्तों का खयाल तक निकल जाता है। उन्होंने कहा कि देशभक्ति पर आधारित प्रदर्शनी सैनिकों के जीवन को आमजन के बीच लेकर आती हैं। युवा वर्ग देश के रक्षकों से रूबरू होते हैं। वहीं हेमंत रोजिया ने बताया कि प्रदर्शित कला को तैयार करने के लिए उन्हें विशेष मेहनत करनी पड़ी। उन्होंने सैनिकों का जीवन पढ़ा। इस मौके पर शहीद उपमन्यु सिंह की मां सुमन सिंह भी मौजूद रहीं। अपने बेटे के फोटो को कैनवास पर देखकर उनकी आंखें नम हो गईं। इस मौके पर ललित कला संस्थान के बलवंत सिंह भदौरिया और लीला देवी रोजिया उपस्थित थीं।
रंगों में आया इन वीर जवानों का जीवन, कलाप्रेमियों ने भी देखाः परम वीर चक्र राइफल मैन संजय कुमार 13 जम्मू कश्मीर राइफल्स की एक कंपनी के लीडिंग स्काउट में शामिल थे। जिन्हें 4 जुलाई 1999 को जम्मू और कश्मीर की मश्कोह घाटी के फ्लैट टाप क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए भेजा गया था। चोटी पर पहुंचने के बाद वे शत्रु सेना के एक बंकर से हो रही गोलाबारी के शिकार हो गए। आमने-सामने की तीन लडाई में उन्होंने घुसपैठियों को मार गिराया। संजय काफी घायल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने यूनिवर्सल मशीन गन उठाई और दुश्मनों को मार गिराया, फिर फ्लैट टाप क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। इस साहस भरे कार्य के लिए उन्हें परम वीर चक्र से सम्मानित किया गया।
नायब सूबेदार बाना सिंह,परम वीर चक्रः 26 जून 1987 को जम्मू कश्मीर लाइट इंफेंट्री की आठवीं बटालियन के नायब सूबेदार बाना सिंह को 21 हजार फीट की ऊंचाई पर बैठे दुश्मन से सियाचिन ग्लेशियर में पाक सेना से कायद चौकी को छुड़ाने का कार्य सौंपा गया। उन्होंने इस जिम्मेदारी को पूरा किया गया। नायब सूबेदार बाना सिंह ने बर्फीले तूफान में शत्रुओं से युद्ध किया। 457 मीटर ऊंची दीवार पर चढाई की, चोटी पर पहुंचे और हथगोले फेंककर दुश्मनों के बंकरों को ध्वस्त कर दिया। कई दुश्मनों को मार गिराया, जबकि शेष ने डर कर चोटी से छलांग लगा ली। इस शौर्य प्रदर्शन के लिए उन्हें परम वीर चक्र से सम्मानित किया गया।
कैप्टन उपमन्यु सिंह, सेना पदक से सम्मानितः ग्वालियर के वीर शहीद कैप्टन उपमन्यु सिंह को उनकी शौयर्ता के लिए सेना पदक से सम्मानित किया गया। उनकी पोस्टिंग उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर में थी। 7 दिसंबर 2010 में खुफिया स्त्रोतों से मिले इनपुट के आधार पर कैप्टन उपमन्यु को सोपोर माडल टाउन इलाके में आपरेशन का नेतृत्व करने का जिम्मा सौंपा था। आतंकवाद से मुठभेड में कैप्टन उपमन्यु को गोलियां लगीं और वे गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके कुछ समय बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।