Gwalior Maintaining friendship costly: ग्वालियर.नईदुनिया प्रतिनिधि। एक युवक को दोस्ती निभाना काफी महंगा पड़ गया। दुष्कर्म में दोस्त का सहयोग करने पर विशेष सत्र न्यायालय ने आरोपित को दस साल की सजा सुनाई है। 5 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। कोर्ट ने आरोपित को सजा काटने के लिए जेल भेज दिया। नाबालिग प्रेमी युगल घर से भागकर आए थे, उन्हें दोस्त ने आश्रय दिया था, इसी सहयोग के बदले में धारा 376(1) व 120 बी के तहत आरोपित बनाया था।
13 अगस्त 2018 को एक नाबालिग ग्वालियर से मोरेना एक नाबालिग को ले गया। उन्हें मुरैना से भिंड जाना था, लेकिन भिंड की बस नहीं मिली तो ग्वालियर आ गए। अपने दोस्त के यहां पहुंचे। दोस्त ने उन्हें आश्रय दिया। एक बेकरी में बंद करके चला गया। उस बेकरी के अंदर नाबालिग ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया। इस मामले की शिकायत ग्वालियर थाने में हुई। पुलिस ने नाबालिग व उसके दोष मनीष उर्फ मंगल को गिरफ्तार कर लिया। जांच के बाद पुलिस ने आरोपित के खिलाफ चालान पेश किया। नाबालिग का केस किशोर न्यायालय में स्थानांतरित हो गया, जबकि मनीष उर्फ मंगल के खिलाफ केस विशेष सत्र न्यायालय में चला। अभियोजन की ओर से अति जिला अभियोजन अधिकारी अनिल कुमार मिश्रा ने तर्क दिया कि कड़ा कानून होने के बाद आरोपित में भय नहीं है। समाज में एक संदेश देने के लिए आरोपित को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। आरोपित ने दंड के प्रश्न पर कहा कि वह नव युवक है। उसका पहला अपराध है, दंड देने में नरमी बरती जाएगी। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मनीष उर्फ मंगल को दस साल की सजा सुनाई है। पांच हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।
बालक का अपहरण करने पर तीन साल की सजा
अपर सत्र न्यायालय ने एक बालक का अपहरण करने के मामले में आरोपित अनवर खान को तीन साल की सजा सुनाई है। मामला तिघरा थाने का है। अपर लोक अभियोजक मृत्युंजय गोस्वामी ने बताया कि तिघरा थाने में 27 सितंबर 2018 को एक बालक के अपहरण की शिकायत दर्ज हुई थी। शिकायत में बताया कि फरियादी का बेटा स्कूल गया था, उसे एक लाल शर्ट पहने व्यक्ति अपहरण करके ले गया। स्कूल बैग पड़ोसी ने आकर दिया था। पुलिस ने केस दर्ज कर बालक की तलाश की। आरोपित को भी गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट ने आरोपित को अपहरण के मामल में दोषी मानते हुए 3 साल की सजा सुनाई है।