-संगीत विवि ग्वालियर का 14वां स्थापना दिवस समारोह, राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने किया आनलाइन संबोधिक
Gwalior music university foundation day: ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। मधुर संगीत आत्मा को शांत और एकाग्र करता है। संगीत के स्वर, ध्वनि और भाव ईश्वर अराधना का माध्यम है। भारतीय संगीत का जो रूप है, उसके बीज वैदिक काल में ही पड़ चुके थे। सामवेद उन वैदिक ऋचाओं का संग्रह है, जो गाए जा सकते हैं। प्राचीन काल से ही ईश्वर की अराधना हेतु भजनों के प्रयोग की परंपरा रही है। यहां तक कि यज्ञ आदि के अवसर पर भी समूह गान होते थे। यह बात मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गुरुवार को संगीत विश्वविद्यालय ग्वालियर के 14वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान आनलाइन कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा में ललित कलाओं, गीत संगीत को शामिल कराने में स्कूलों का मार्ग दर्शन और सहयोग करें। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने देश के शैक्षणिक जगत को नया आयाम दिया है। हमारी मौलिक परंपराओं, सांस्कृतिक विरासत के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा व्यवस्था के लिए मार्ग प्रशस्त किया है। आवश्यकता नई सोच और नवाचारों के साथ प्रयास की है।
राज्यपाल ने कहा कि संगीत दो आत्माओं के बीच के अनंत को भरता है। मधुर संगीत आत्मा को शांत और एकाग्र करता है। संगीत मनोरंजन मात्र नहीं है, ये संस्कृति और सभ्यता को समृद्ध करती है। संस्कृति से ही समाज और राष्ट्र का निर्माण होता है। उन्होंने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का आव्हान किया है कि अपनी साधना, अनुसंधान और नवाचारों से भारतीय लोक कलाओं की समृद्ध विरासत के संरक्षण और संवर्धन में योगदान करें। भारतीय संस्कृति की जीवंतता, निरंतरता और समृद्धता में सहयोग करें। कार्यक्रम में ग्वालियर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, कुलपति साहित्य कुमार नाहर, कुल सचिव कृष्ण कांत शर्मा, प्रो. रंजना टोरपें आदि मौजूद रहे।
-संगीत परमात्मा की साधना का माध्यम
पर्यटन, संस्कृति एवं अध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि संगीत परमात्मा की साधना का माध्यम है। संस्कृति की रीढ़ है। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत को मज़बूत बनाने में विश्वविद्यालय को पहल करने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि उज्जैन में सांदीपनी आश्रम में 64 कलाओं की जानकारी की व्यवस्था की गई है। इन सभी कलाओं के संबंध में संक्षिप्त शैक्षणिक कोर्स शुरु करने के संबंध में आम जन से मांग प्राप्त हो रही है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा इस दिशा में पहल की संभावनाओं को तलाशने के लिए कहा है।