Gwalior Nai Dunia Aapke Dwar: ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। उपनगर मुरार का प्रमुख व्यवसायिक क्षेत्र सदर बाजार से लेकर 11 संतर और दो दर्जन लगभग प्रमुख कालोनियां वार्ड -27 में हैं। 75 प्रतिशत आबादी सामान्य वर्ग की है। इस वार्ड ने निर्दलीय पार्षद को चुनने की बड़ी कीमत चुकाई है। राजनीति का शिकार हुए इस वार्ड को अमृत योजना के लाभ से वंचित कर दिया गया। सीवर यहां की बड़़ी समस्या है। इसके अलावा सदर बाजार की चौड़ी सड़क होने के बावजूद पूरे बाजार में राजनीतिक संरक्षण में अतिक्रमण होने के कारण ट्रैफिक जाम रहता है। तत्कालीन पार्षद ब्रिजेंद्र गुप्ता का कहना है कि यह बात सही है कि राजनीतिक कारणों से मेरे वार्ड को अमृत योजना से वंचित किया गया। इसके बावजूद उनका दावा है कि सड़क, पानी, साफ सफाई जैसी समस्याओं को स्थाई उन्होंने किया है। निदान किया है। पार्क सुंदर हैं। बस माल रोड पर नाला नहीं बनने के कारण बारिश के पानी की समुचित निकासी नहीं है।
अब भी यहां के बाजार गांव के हाट बाजार जैसे नजर आते हैं: उपनगर मुरार से आसपास के तीस से अधिक गांव के लोग मुरार में खरीदारी करने के लिए आते हैं। सोना-चांदी के गहनों से लेकर किराना, इलेक्ट्रोनिक्स उत्पाद से लेकर जरूरत का हर सामान मिलता है। व्यापार भी अच्छा है। इसके बावजूूद यहां के बाजार किसी गांव के हाट बाजार जैसे नजर आते हैं। सदर बाजार व अन्य बाजारों में सड़कों पर अतिक्रमण और डिवाइडर के आसपास ठेले लग जाने के कारण ट्रैफिक को निकलने के लिए संकरी गली बचती है। जिसके कारण सुबह से लेकर रात तक जाम की स्थिति रहती है।
निर्दलीय पार्षद होने के कारण अमृत योजना से अपने वार्ड को नहीं जुड़वा पाया: पूर्व पार्षद ब्रिजेंद्र गुप्ता का दावा है कि उनके कार्यकाल में पूरे वार्ड में आठ करोड़ रुपये की लागत से 15 से 20 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कराया। पेयजल की उनके वार्ड में कोई समस्या नहीं हैं। साफ-सफाई की व्यवस्था नंबर-वन है। सौंदर्यीकरण के लिए प्रमुख मार्गों पर गमले रखवाए। वे खुद इन पार्कों की देखभाल करते हैं। उन्हें एक बात का मलाल है कि निर्दलीय पार्षद होने के कारण अपने वार्ड को अमृत योजना से नहीं जुड़वा पाया। जबकि उनके आसपास के वार्डों को अमृत योजना का लाभ मिला है। इस वार्ड की तीसरी बड़ी समस्या बारिश का पानी हैं।
-रिहाइशी क्षेत्रों में जगह-जगह कचरे के ढेर नजर आते हैं। टिपर वाहन भी नियमित रूप से नहीं आते हैं। इसके कारण यह समस्या परेशानी का कारण बन जाती हैं।
-कई कालोनियों से नालियां गायब हो गईं हैं। मीरा नगर की गलियों में पानी भर जाता है।
-रिहाइशी क्षेत्रों के साथ सड़कों पर कचरे से भरी पालीथीन, गीला कचरा पड़ा नजर आता है। यहां के क्षेत्रों में नियमित रूप से झाड़ू नहीं लगाया जा रहा है। गंदगी की स्थिति साफ नजर आती है।
अंग्रेज सेंटर बाेलते थे, लाेक संतर बाेलने लगेः आजादी से पहले उपनगर मुरार में अंग्रेजी सेना की छावनी थी। अब भी यहां सेना की छावनी है। वार्ड में कुल 11 संतर हैं। जैसे चिक संतर... यहां चिक का सामान मिलता था। इसलिए अंग्रेज इसे चिक सेंटर कहते थे। अपभ्रंश होकर चिक संतर हो गया। इसी तरह गंगामाई का संतर, सत्यनारायण संतर, जैन संतर, सिक्स संतर कोतवाली संतर, खुला संतर का लोकभाषा में नामकरण हो गया। उपनगर मुरार का प्रमुख व्यवसायिक केंद्र सदर बाजार है। जो इस वार्ड को विशेष श्रेणी प्रदान करता है।
क्या कहते हैं रहवासीः
वर्जन-
बाजारों की हालत खराब है। झाड़ू नियमित रूप से लगती नहीं है। कचरा उठता नहीं है। इसके कारण बाजार में आने वाले ग्राहकों को काफी परेशानी होती है।
गुलशन हसीजा, स्थानीय निवासी
वर्जन-
बारिश में सड़कों पर पानी-पानी ही नजर आता है। बारिश के जल की कोई निकासी नहीं होने के कारण हालात बिगड़ जाते हैं। लोगों का बाजारों में से निकलना मुश्किल हो जाता है। इस समस्या का स्थाई समाधान होना चाहिए।
महेंद्र वाष्णेय, स्थानीय निवासी
वर्जन-
गली-मोहल्लों में कचरे के ढेर लग जाते हैं। नियमित रूप से टिपर वाहन नहीं आने के कारण स्थिति खराब हो जाती है। कचरे में से आने वाली सड़ांध से निकलना मुश्किल हो जाता है।
साेनू डोलानी, स्थानीय निवासी
वर्जन-
समस्याओं से जुझने की यहां के नागरिकों की आदत सी हो गई है। नगर निगम मूलभूत सुविधाएं बाजारों, गली, महोल्लों और कालोनियों को उपलब्ध करा दे तो हालात काफी सुधार सकते हैं।
अजय गुप्ता, स्थानीय निवासी
वर्जन-
सदर बाजार को कई बार व्यवस्थित करने का प्रयास किया। कुछ दिन सबकुछ ठीक चलता है। इसके बाद में हालात जस के तस हो जाते हैं। मुरार के प्रमुख बाजारों को व्यवस्थित करने के लिए ईमानदारी के साथ प्रयास किए जाने चाहिए।
साैरभ जैन, स्थानीय निवासी
वर्जन-
मेरे कार्यकाल में वार्ड के विकास के लिए कई कार्य किए गए। लाखों रुपया खर्च कर हाकर्स जोन का निर्माण कराया गया था। जो आज भी खाली है। ठेले वालों को हाकर्स जोन में भेजने से बाजारों को काफी राहत मिलेगी।
महेंद्र गुप्ता , पूर्व पार्षद वार्ड क्रमांक-27
वर्जन-
हर वार्ड की अपनी समस्याएं होती हैं। स्वच्छता अभियान के तहत हर वार्ड में युद्धस्तर पर साफ-सफाई कराई गई है। जिससे आज शहर साफ व स्वच्छ नजर आने लगा है। वार्ड क्रमांक-27 में जो भी समस्या सामने आ रही हैं उनका निराकरण भी किया जाएगा।
किशोर कान्याल , नगर निगम आयुक्त