- कोर्ट ने पीएमटी कांड के 11 आरोपितों का अग्रिम जमानत आवेदन किया खारिज
ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। विशेष सत्र न्यायालय ने पीएमटी कांड के 11 आरोपितों का अग्रिम जमानत आवेदन खारिज कर दिया। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आरोपित पहले से ही एमबीबीएस कर रहे थे। फिर भी उन्होंने पीएमटी दी। निजी मेडीकल कालेज को फायदा पहुंचाने के लिए उन्होंने आखिर वक्त पर प्रवेश को निरस्त करा देते थे। उन्होंने शासन के साथ छल किया है। ऐसे आरोपितों को अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है। चिरायु मेडीकल कालेज के प्रशासनिक अधिकारी व जन संपर्क अधिकारी भी जमानत खारिज की है।
आरोपितों की ओर से तर्क दिया गया कि काउंसिलिंग में शामिल होने के बाद चिरायु मेडीकल कालेज में प्रवेश के लिए निर्देशित किया गया है। वर्तमान में चिरायु हास्पीटल में सेवाएं दे रहे हैं, जहां पर कोविड-19 मरीजों का का इलाज चल रहा है। यहां पर ड्यूटी करने वाले डाक्टर सार्वजनिक स्थान पर नहीं जा सकते हैं, लेकिन सीबीआई 7 जनवरी को चालान पेश कर है। उन्हें कोर्ट में उपस्थित रहने के लिए निर्देशित किया गया है। ऐसी स्थिति में कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सकते हैं। कोर्ट जमानत की शर्त लगाएगा, उसका पालन किया जाएगा। सीबीआइ की ओर से जमानत आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि आरोपित पहले से पीएमटी पास कर एमबीबीएस में प्रवेश ले चुके थे, लेकिन 2011 की पीएमटी में बैठे। उन्होंने पास भी की। काउंसिलिंग में शामिल होने के बाद चिरायु मेडीकल कालेज की सीटें आवंटित कराते थे। आखिरी समय पर ये आरोपित अपना प्रवेश निरस्त करा लेते थे। निजी मेडीकल कालेज सरकारी कोटे की सीटों को ऐसे अभ्यार्थियों को बेचते थे, काउंसिलिंग में शामिल नहीं होते थे। ऐसे आरोपितों को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता ैहै।
ऐसे दिया गया था फर्जीवाड़े को अंजाम, 47 बेची थी
- चिरायू मेडीकल कालेज के संचालक डा अजय गोयनका प्रदेश के ऐसे विद्यार्थियों की तलाश करते थे, जो पीएमटी पास कर चुके थे। इन मेधावियों से पीएमटी दिलाते थे। जो विद्यार्थी पीएमटी पास कर लेते थे, वह काउंसिलिंग में शामिल होते थे। चिरायू में सरकारी कोटे की सीट पर प्रवेश लेने के लिए कहते थे। आखिरी समय में अपना प्रवेश निरस्त करा लेते थे। खाली सीट को डा अजय गोयनका मौटी रकम पर बेचते थे। सरकारी कोटे की 47 सीटें बेची गई थीं।
- व्यापमं कांड के खुलासे के वक्त आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी ने एसआइटी को शिकायत की थी। उसकी ओर से बताया गया गया कि जयप्रकाश बघेल, सर्वेश जादौन व जीआर मेडीकल कालेज ग्वालियर के बाबू बरमानंद बाधवा निजी मेडीकल कालेज की सीटों के आवंटन को निरस्त कराने में मदद करते हैं। काउंसिलिंग में शामिल होने वाले विद्यार्थियों को उनके मूल दस्तावेज उपलब्ध कराते थे।
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जांच सीबीआइ को हेंडओवर हो गई। इस मामले की जांच पूरी हो गई है। 7 जनवरी को चालान पेश होना है। कोर्ट में उपस्थित होने के लिए निर्देशित किया है।
इनका जमानत आवेदन खारिज
डा गिरीश कानितकर पीआरओ चिरायु मेडीकल कालेज
डा रवि सक्सेना, चिरायु मेडीकल कालेज
डा एसएन सक्सेना, प्रशासनिक अधिकारी चिरायु मेडीकल कालेज
डा लोकेश सोनी, निवासी भोपाल
डा वीरेंद्र मेरावत, निवासी झाबुआ
डा सिराज अहमद, सरगुजा छत्तीसगढ़
डा आयशा शेख, निवासी शंकर नगर रायपुर छत्तीसगढ़
डा सेख सफद निवासी शंकर नगर रायपुर छत्तीसगढ़
डा अंशुल दुबे निवासी न्यास कालोनी इटारसी
डा सागर नवानी, निवासी शाहजनाबाद, भोपाल
डा देवानी पटेल, नरसिंगपुर