ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शनिवार देर रात हुई तेज वर्षा के कारण उत्तर मध्य रेलवे झांसी मंडल के हेतमपुर-धौलपुर रेल खंड के बीच डाउन ट्रैक के नीचे से मिट्टी का कटाव हो गया और पटरियां हवा में झूल गईं। सुबह करीब छह बजे ट्रैक पर गश्त कर रहे की-मैन की नजर इस पर पड़ी। उसने तत्काल की इसकी सूचना कंट्रोल रूम को दी, तो रेलवे अफसरों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में इस रूट पर दौड़ रही ट्रेनों के पहियों को थाम दिया गया और ट्रैक की मरम्मत शुरू कराई गई। इसके चलते इस रूट पर साढ़े चार घंटे तक ट्रेनों का आवागमन बंद रहा। दो ट्रेनें रद्द कर दी गईं। कई ट्रेन घंटों की देरी से चलीं, तो कुछ ट्रेनों को बदले हुए रूट से संचालित किया गया।
रविवार की सुबह 6:11 से 6:15 बजे के बीच धौलपुर, मुरैना और ग्वालियर रेलवे स्टेशनों पर संदेश सुनाई दिया कि जो ट्रेन जहां है, वहीं खड़ी करवा दी जाएं, क्योंकि धौलपुर व हेतमपुर के बीच डाउन ट्रैक के किलोमीटर 1288/28 पर ट्रैक के नीचे से मिट्टी धंस गई है। इसके चलते दिल्ली से ग्वालियर आ रही शताब्दी एक्सप्रेस को धौलपुर आउटर पर ही चार घंटे खड़ा करना पड़ा। वंदे भारत सहित गतिमान, केरला, मंगलवा, एपी संपर्क क्रांति एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनों को भी रोक दिया गया।
ताज एक्सप्रेस और आगरा-ग्वालियर पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। आगरा और ग्वालियर से रेलवे अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची और बरसात के दौरान ट्रैक को दुरुस्त करने का कार्य शुरू हुआ। ट्रैक को सही करने के लिए ग्वालियर से रेलवे ने सूखी मिट्टी और अतिरिक्त गिट्टी मंगवाई। इन्हें रेल लाइन पर डलवाया गया। करीब चार घंटे 45 मिनट के बाद सुबह 10:45 बजे रेल यातायात को यलो लाइन देकर निकाला गया। सबसे पहले कर्नाटक संपर्क क्रांति एक्सप्रेस को दिल्ली के लिए रवाना किया गया है। इस दौरान झांसी से दिल्ली की ओर जाने वाली कई ट्रेनों को ग्वालियर से इटावा डायवर्ट करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन ट्रैक बहाल होने के बाद ट्रेनों को वापस उसी मार्ग से रवाना किया गया।
यह हैं रेलवे के वह मैदानी कर्मचारी राजेंद्र कुमार, जिनका पद की-मैन यानी रेलवे ट्रैक को चेक करने का रहता है। राजेंद्र कुमार ने रविवार की सुबह 6:11 बजे सबसे पहले रेलवे ट्रैक के नीचे की धंसी हुई मिट्टी और एक ओर की झूलती पटरियों को देखकर अपने वरिष्ठ कर्मचारियों से लेकर रेलवे स्टेशन पर इसकी सूचना दी। अगर क्षतिग्रस्त रेलवे ट्रैक पर समय पर नजर नहीं पड़ती, तो किसी भी सुपरफास्ट ट्रेन के साथ भीषण हादसा हो सकता था। इसके बाद तत्काल ट्रेनों का संचालन रोक दिया गया। रेलवे के अफसरों ने इस सजगता के लिए की-मैन राजेंद्र कुमार को सम्मानित व पुरस्कृत करने की घोषणा भी की है।
रेलवे ट्रैक की मिट्टी बह जाने के कारण दिल्ली से झांसी की ओर जाने वाली 10 से अधिक ट्रेनें अपने निर्धारित समय से चार से पांच घंटे की देेरी से पहुंची। इसमें श्रीधाम एक्सप्रेस 3:57 घंटे, महाकौशल एक्सप्रेस 4:58 घंटे, पंजाब मेल 3:44 घंटे, उदयपुर-खजुराहो एक्सप्रेस 2:42 घंटे, अमृतसर विशाखापट्टनम एक्सप्रेस 2:50 घंटे, गतिमान एक्सप्रेस 1:51 घंटे, उत्कल एक्सप्रेस 1:24 घंटे, पातालकोट एक्सप्रेस 2:18 घंटे, वंदे भारत एक्सप्रेस 2:45 घंटे, मुंबई राजधानी 2:58 घंटे, निजामुद्दीन-हुबली एक्सप्रेस 4:43 घंटे, शताब्दी एक्सप्रेस 3:16 घंटे की देरी से ग्वालियर पहुंची।
दिल्ली जाने वाली हिमसागर एक्सप्रेस 6 घंटे, शताब्दी एक्सप्रेस 2:02 घंटे, पातालकोट एक्सप्रेस 1:32 घंटे,गतिमान एक्सप्रेस 40 मिनट, महाकौशल एक्सप्रेस 7:37 मिनट, वंदे भारत एक्सप्रेस 2:59 मिनट, केरला एक्सप्रेस 4:03 घंटे, उत्कल एक्सप्रेस 7:41 घंटे, समता एक्सप्रेस 3:21 घंटे, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस 3:47 घंटे, झेलम एक्सप्रेस 2:23 मिनट की देरी से ग्वालियर पहुंची।