Gwalior News: गुना की तत्कालीन आरटीओ पर एफआइआर, हत्या में प्रयोग कार का फर्जी पंजीयन करने का आरोप
पूरी घटना वर्ष 2015 की यानि लगभग 8 साल पुरानी है जहां पर गुना जिले के धरनावदा थाना क्षेत्र में आत्माराम पारधी अपने रिश्तेदार के अंतिम संस्कार में शामिल होने गया था।
By Vikram Singh Tomar
Edited By: Hemant Kumar Upadhyay
Publish Date: Wed, 03 Jan 2024 12:15:42 PM (IST)
Updated Date: Wed, 03 Jan 2024 12:15:42 PM (IST)
HighLights
- हत्या में प्रयोग हुई कार का फर्जी पंजीयन करने का आरोप
- हत्याकांड के बाद शव को ठिकाने लगाने में उपयोग की गई नीले रंग की डस्टर कार
- जिस एड्रेस प्रूफ के साथ गाड़ी का पंजीयन किया गया और वहां जिस व्यक्ति का रहना बताया गया वह दोनों की गलत निकले।
ग्वालियर। चर्चित आत्माराम पारधी हत्याकांड में गुना की तत्कालीन आरटीओ मधु सिंह, आरटीओ आफिस में काम करने वाले बादाम सिंह और हत्याकांड में फरार चल रहे निलंबित एसआइ रामबीर सिंह कुशवाह के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। यह एफआइआर हत्याकांड के बाद शव को ठिकाने लगाने में उपयोग की गई नीले रंग की डस्टर कार के फर्जी रजिस्ट्रेशन बनाने के आरोप में दर्ज की गई है।
एफआइआर में यह बताया
एफआइआर में बताया गया है कि विवेचना में नीले रंग की डस्टर जिसे किसी संजय सिंह के नाम पर रजिस्टर होना पाया गया था, लेकिन जब जांच की गई तो इस नाम और पहचान का कोई व्यक्ति अस्तित्व में ही नहीं है। जिस नाम से गाड़ी को रजिस्टर किया गया है उसे इन तीनों आरोपितों ने मिलकर फर्जी तरीके से तैयार किया है।
दस्तावेज भी नकली
इस मामले की जब विवेचना हुई तो सामने आया कि जिस एड्रेस प्रूफ के साथ गाड़ी का पंजीयन किया गया और वहां जिस व्यक्ति का रहना बताया गया वह दोनों की गलत निकले। इसके अलावा अन्य दस्तावेजों को भी फर्जी तरीके से ही लगाया गया था। कुल मिला कर आरोपित निलंबित एसआइ के साथ मिलकर नकली दस्तावेज के आधार पर फर्जी रजिस्ट्रेशन तैयार किया गया था।
ऐसे हुआ था हत्याकांड
यह पूरी घटना वर्ष 2015 की यानि लगभग 8 साल पुरानी है जहां पर गुना जिले के धरनावदा थाना क्षेत्र में आत्माराम पारधी अपने रिश्तेदार के अंतिम संस्कार में शामिल होने गया था। जिस समय वह फूल सिराए जा रहे थे तभी आरोपित निलंबित सब इंस्पेक्टर रामवीर सिंह उर्फ दाऊ ने अपने अन्य साथियों के साथ वहां पहुंचा और उन्होंने मिलकर आत्माराम को गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद आरोपितों ने मिलकर एक नीली डस्टर कार की मदद से शव को ठिकाने लगा दिया। अब तक शव का पता नहीं चल सका है। इस मामले की जांच सीआइडी कर रही है। इस मामले का आरोपित योगेंद्र पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है लेकिन निलंबित सब इंसपेक्टर रामवीर कुशवाह अभी भी फरार है।