नप्र,ग्वालियर। ग्वालियर में बड़ी संख्या में खैर के पेड़ होने पर पहली बार यहां खैर की लकड़ी काटने वाली गैंग सक्रिय हुई है। जिले के घाटीगांव क्षेत्र में खैर के पेड़ों की कटाई सामने आई, लेकिन वन विभाग की इतनी सतर्कता रही कि काटने के बाद गैंग लकड़ी को नहीं ले जा पाई। आसपास के लोगों से पूछताछ के आधार पर पता चला कि यह इंटरस्टेट गैंग की तरह काम कर रही है और यह माल झांसी पहुंचाने की फिराक में था। खैर के पेड़ों को मशीनों से काटा गया है और इनके छोटे-छोटे पीस बनाकर ले जाने की तैयारी थी।
वन विभाग के अधिकारी खैर के पेड़ों की कटाई करने वालों की तलाश में लगे हुए हैं। खैर से कत्था बनाया जाता है जिसकी बाजार में अच्छी कीमत मिलती है। बता दें कि ग्वालियर के घाटीगांव के जंगलों में खैर के पेड़ों की बड़ी संख्या है। ग कुल वन क्षेत्र में इनका हिस्सा काफी है। वन विभाग की टीम को सूचना मिली थी कि घाटीगांव के जंगलों में खैर के पेड़ों की कटाई हो रही है। पहले वन विभाग को लगा कि एक दो पेड़ ग्रामीणों ने काटे होंगे, लेकिन जब मौके पर टीम पहुंची तो पता चला कि सुनियोजित ढंग से खैर की लकड़ी के पेड़ों की कटाई की तैयारी थी लेकिन सूचना जल्द मिल जाने से बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई नहीं हो सकी। यहां 50 से ज्यादा खैर के पेड़ों के तने मिले जिन्हें छोटे टुकड़े कर काट लिया गया था।
पूरे माल को वन विभाग ने सुरक्षित कर लिया है। कत्था तैयार करने वाले काट रहे खैर,यूपी में ज्यादा कारोबार: ग्वालियर के घाटीगांव के जंगलों में ऐसा पहली बार हुआ है जब पूरी तैयारी के साथ खैर के पेड़ों को काटने की योजना बनाई। बाजार में कत्थे की अच्छी कीमत होने के कारण खैर के पेड़ों की कटाई होती है, ग्वालियर में खैर के पेड़ों की कटाई की स्वीकृति नहीं दी जाती है। यह वन संपदा के रूप में है। वन विभाग को सूत्रों से यह पता चला कि है कि यूपी में इसका बड़ा कारोबार है और झांसी से ग्वालियर पास होने के कारण घाटीगांव के वन को टारगेट किया है।
घाटीगांव क्षेत्र में कुछ खैर के पेड़ काटे गए हैं, तैयारी के साथ ऐसा किया गया लेकिन पूरे माल को समय रहते बचा लिया गया। वन विभाग की टीम जांच पड़ताल कर रही है।
-अंकित पांडेय,डीएफओ,ग्वालियर।