नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। झांसी मंडल के अंतर्गत धौर्रा और जाखलोन रेलवे स्टेशन के बीच बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात ट्रेन के इंजन के पेंटो में फंसकर ओएचई वायर टूट गया। इसके चलते ट्रैक पर बिजली आपूर्ति बाधित हो गई और इस रूट पर ट्रेनों के पहिए थम गए।
ओएचई लाइन टूटने के कारण ग्वालियर से होकर गुजरने वाली 20 से अधिक ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ। ट्रेनें पांच से लेकर 11 घंटे की देरी से ग्वालियर आईं। वहीं कई ट्रेनों को ग्वालियर से झांसी-बीना के बजाय गुना-बीना होकर संचालित किया गया। इस अव्यवस्था के कारण स्टेशन पर पूरे दिन अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।
जानकारी के मुताबिक बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात तीन बजे के आसपास खजुराहो-आंबेडकर नगर एक्सप्रेस के निकलने के दौरान इंजन के पेंटो से ओएचई लाइन का तार टूटने से अप-डाउन की करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित हुईं। इन ट्रेनों को अन्य रेलवे स्टेशनों पर खड़ा कर दिया गया था।
सबसे ज्यादा प्रभावित डाउन ट्रैक की ट्रेनें हुईं। इस दौरान मंगला एक्सप्रेस 5:48 घंटे, अमृतसर-नांदेड एक्सप्रेस 5:51 घंटे, उत्कल एक्सप्रेस 6:57 घंटे, श्रीधाम एक्सप्रेस 6:24 घंटे, हजरत निजामुद्दीन मुंबई राजधानी एक्सप्रेस 6:07 घंटे, वंदेभारत एक्सप्रेस 2:12 घंटे, समता एक्सप्रेस 4:31 घंटे, एमपी संपर्क क्रांति एक्सप्रेस 14 घंटे, केरला एक्सप्रेस 5:25 घंटे, जीटी एक्सप्रेस 11:22 घंटे, सचखंड एक्सप्रेस 5:10 घंटे, कर्नाटक एक्सप्रेस 4:30 घंटे, गतिमान एक्सप्रेस 2:05 घंटे की देरी से ग्वालियर आई।
रात में इस घटना के बाद ग्वालियर आने वाली अमृतसर-लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस प्लेटफार्म क्रमांक एक पर ही 3:30 घंटे तक खड़ी रही। यह ट्रेन प्लेटफार्म से सुबह 5:50 बजे रवाना हो सकी। ट्रेनों के लेटलतीफ होने के कारण पूछताछ खिड़की पर यात्रियों की भीड़ नजर आई। इसके साथ ही ग्वालियर से गुजरने वाली सात ट्रेनों को झांसी के बजाय बीना होकर संचालित किया गया।
इनमें जीटी एक्सप्रेस, कर्नाटका संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, जम्मूतवी फेस्टिवल एक्सप्रेस, तिरुपति एक्सप्रेस, जम्मूतवी हमसफर एक्सप्रेस, दक्षिण एक्सप्रेस और सिद्धबली स्पेशल एक्सप्रेस शामिल है। ग्वालियर से जो ट्रेनें परिवर्तित मार्ग से संचालित की गईं, उनके लिए स्टेशन पर अनाउंसमेंट भी कराया गया। यात्रियों को बताया गया कि जो यात्री परिवर्तित मार्ग से नहीं जाना चाहते, वे ग्वालियर उतर जाएं। उन यात्रियों को दूसरी ट्रेनों से भेजा गया।