Gwalior News: ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। ग्वालियर से इंदौर के बीच रेल ट्रैक पर ट्रेनों की कमी है। इंदौर प्रदेश की आर्थिक राजधानी होने के बावजूद ग्वालियर-इंदौर के बीच सिर्फ सात ट्रेनें चलती हैं। इनमें से सिर्फ दो ट्रेनें ही नियमित हैं, जबकि दो ट्रेनें ऐसी हैं, जो भोपाल होते हुए इंदौर जाती हैं। ऐसे में ग्वालियर से इंदौर के बीच सफर के लिए लोग सड़क मार्ग को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। लंबे समय से ग्वालियर से शिवपुरी-गुना होते हुए इंदौर तक के लिए नई ट्रेनें चलाने की मांग की जा रही है।
रानी कमलापति स्टेशन से ग्वालियर होते हुए हजरत निजामुद्दीन तक वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन शुरू होने के बाद अब ग्वालियर से इंदौर के बीच भी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के संचालन की मांग की गई है। यदि वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन शुरू होता है, तो 565 किमी का सफर 12 के बजाय सिर्फ आठ घंटों में ही पूरा हो सकता है। दरअसल, लंबे समय से ग्वालियर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ग्वालियर और इंदौर के बीच नई ट्रेन के संचालन के साथ ही वर्तमान ट्रेनों की गति बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
ग्वालियर से इंदौर के बीच चलने वाली रतलाम इंटरसिटी जहां 11:10 घंटे में यह सफर करती है, तो वहीं चंडीगढ़-इंदौर एक्सप्रेस 11:10 घंटे और अमृतसर-इंदौर एक्सप्रेस 8:55 घंटे, देहरादून-इंदौर एक्सप्रेस 11:20 घंटे व बरेली-इंदौर एक्सप्रेस 12:10 घंटे में यह सफर पूरा करती हैं। इस दौरान ये ट्रेनें औसत 50 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रैक पर दौड़ती हैं, जबकि इस ट्रैक पर 120 कि.मी. प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलाई जा सकती हैं। वहीं ये सारी ट्रेनें ग्वालियर से दोपहर के बाद ही रवाना होती हैं। दिन के समय इंदौर के लिए कोई ट्रेन नहीं है। ऐसे में अब इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने भी रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव को पत्र लिखकर मांग की है कि दिन के समय इंटरसिटी सुपरफास्ट एक्सप्रेस चलाई जाए, जो ठीक उसी दिन वापस भी लौटे, ताकि यात्रियों को सुविधा हो सके। देवास-मक्सी होकर चले ट्रेन: वर्तमान इंटरसिटी एक्सप्रेस मक्सी से उज्जैन होते हुए देवास और इंदौर पहुंचती है। उज्जैन में ट्रेन का इंजिन बदला जाता है। इसका एक बायपास रूट भी है। इंदौर से देवास, मक्सी, शाजापुर, राजगढ़, ब्यावरा और गुना होते हुए ट्रेन का संचालन किया जा सकता है। ऐसे में उज्जैन नहीं जाना पड़ेगा और यात्रियों के समय की भी बचत होगी। इंदौर सांसद ने रेल मंत्री को लिखे गए पत्र में इसकी मांग की है।
3:39 घंटे में शिवपुरी तक 126 किमी का सफर
इंदौर से ग्वालियर के बीच सफर के दौरान यह ट्रेन बहुत धीमी गति से चलती हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इंदौर से चलकर इसका शिवपुरी पहुंचने का समय सुबह 4:07 बजे और ग्वालियर पहुंचने का समय 7:47 बजे का है। शिवपुरी से ग्वालियर के बीच की दूरी रेल मार्ग से 126 किमी की है। यह सफर करने में ट्रेन को 3:39 घंटे का समय लगता है, यानी यह ट्रेन यह दूरी सिर्फ 37 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तय करती है। शिवपुरी से ग्वालियर के बीच इस ट्रेन को पनिहार जैसे छोटे स्टेशन पर खड़ा कर दिया जाता है।
इंदौर से ग्वालियर के बीच ट्रेन कम है। अधिकतर ट्रेनें रात में हैं। मैंने रेलमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है इंदौर से देवास-मक्सी होते हुए ग्वालियर तक दिन में ट्रेन चलाई जाए। ये ट्रेन सुबह ग्वालियर से चले और दोपहर तक इंदौर पहुंच जाए।
शंकर लालवानी, सांसद, इंदौर
मैंने काफी पहले मांग की थी कि इंटरसिटी की गति बढ़ाई जाए। ये ट्रेन इंदौर पहुंचने में 11 घंटे से भी अधिक समय लेती है, जबकि ट्रैक ट्रैफिक नहीं है। पुन: रेल मंत्री से चर्चा करेंगे कि दिन में ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाए। इससे यात्रियों को सुविधा मिलेगी।
विवेक शेजवलकर, सांसद, ग्वालियर
चैंबर आफ कामर्स लंबे समय से मांग कर रहा है इंदौर के लिए नई ट्रेनों का संचालन होना चाहिए। इससे व्यापारियों, नौकरीपेशा और विद्यार्थियों को लाभ होगा। इस ट्रैक पर दिन में वंदे भारत या अन्य कोई ट्रेन चलनी चाहिए।
डा. प्रवीण अग्रवाल, अध्यक्ष, चैंबर आफ कामर्स, ग्वालियर
यह वेस्ट सेंट्रल रेलवे के अंतर्गत भोपाल मंडल का मामला है। हालांकि, नई ट्रेनों के संचालन के लिए रेलवे बोर्ड से ही निर्णय लिया जाता है। भविष्य में यदि कोई निर्णय होता है, तो उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। यात्रियों की सुविधा को लेकर रेलवे की ओर से कार्य किए जा रहे हैं।
हिमांशु शेखर उपाध्याय, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, प्रयागराज मुख्यालय उत्तर मध्य रेल