- चना मटर सरसों की फसल कटने के बाद किसानों ने 7000 हेक्टेयर में धान की की बुवाई शुरू
Gwalior Paddy Production News: रवि सोनी.ग्वालियर । क्षेत्र के किसान कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिए अब जागरूक हो रहे हैं। क्षेत्र की बात करें तो डबरा और भितरवार ब्लॉक में अभी तक वर्ष में दो फसलें ही होती थी, लेकिन अब क्षेत्र के किसान पंजाब की तर्ज पर 1 वर्ष में तीन बार खेती कर क्षेत्र का नाम रोशन करेंगे। जानकारी के अनुसार वर्तमान में डबरा और भितरवार ब्लॉक में धान और गेहूं की फसलें होती थी, लेकिन अब भितरवार के 2 दर्जन से अधिक गांवों और चीनोर और डबरा के 2 दर्जन से अधिक गांव के किसानों की ओर से मटर चना सरसों की फसल कटने के बाद सीधे ही धान की बुवाई शुरू कर दी है। इससे दोनों ही ब्लॉकों में धान की बंपर आवक होगी। अभी तक यह फसलें अधिकांश पंजाब क्षेत्रों में देखने को मिलती थी पंजाब की तर्ज पर ही क्षेत्र के किसान कृषि को लाभ का धंधा बनाने जा रहे हैं। क्षेत्र में कुल 7000 हैक्टेयर में किसानों ने इस बार धान की बुवाई का कार्य शुरू कर दिया है।
जुलाई में तैयार हो जाएगी फसल
किसान रामनरेश हाकिम सिंह जनवेद सिंह आदि ने बताया कि उनके यहां पर सरसों और चना की फसल कटने के बाद उन्होंने धान की बुवाई का कार्य शुरू कर दिया है। अपने निजी संसाधनों से यह खेती कर रहे हैं जुलाई लास्ट महीने तक धान की फसल पककर तैयार हो जाएगी और उस समय इसे बेचने पर अधिक दाम भी मिलेंगे किसानों ने बताया कि 1509 क्रांति सुगंधा आदि फसल की पैदावार की जा रही है।
क्षेत्र में औद्योगिक इकाई भी बनी वजह
वर्तमान में डबरा भितरवार रोड पर आधा दर्जन से अधिक औद्योगिक इकाइयां संचालित हो रही हैं। जुलाई अंत तक यह फसल पक कर तैयार हो जाएगी और इन फसलों का दाम भी अच्छा मिलेगा किसानों ने बताया 27 सौ से 3000 प्रति क्विंटल के हिसाब से धान का दाम मिल जाता है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि गर्मी में इस फसल को तैयार करने में फसलों में रोग भी कम लगता है।
इन गांव में शुरू हुआ काम
विकासखंड के अंतर्गत आने वाले चरखा सहारन जोरा श्यामपुर देवगढ़ बांसवाड़ा खेड़ा टाका चीनोर, प्रेमपुर आदि ऐसे गांव हैं जहां पर धान की पैदावार किसानों ने शुरू कर दी है। किसानों ने बताया कि जुलाई में फसल कटने के बाद फिर से उनकी ओर से धान की फसल तैयार कर ली जाएगी।
इनका कहना है
यह बात सही है कि पंजाब की तर्ज पर किसानों की ओर से धान की खेती शुरू की गई है करीब 7000 हेक्टेयर में किसानों ने धान की बुवाई का कार्य शुरू कर दिया है यह आंकड़ा आगे बढ़ भी सकता है क्योंकि अभी भी कुछ किसानों के यहां फसल की कटाई पूरी तरह से नहीं हुई है।
विनोद तिवारी, प्रभारी कृषि विभाग भितरवार
गर्मी में धान की नर्सरी तैयार कर ली गई है और नर्सरी को रोपने के लिए खेतों को तैयार किया जा रहा है, खरीफ सीजन की तुलना में इस सीजन में धान की लागत कम आती है और उत्पादन खरीफ सीजन की तरह होता है। बस पानी की ही ज्यादा जरूरत धान को पडती है।
कृषक प्रदीप शर्मा ग्राम सहारण