नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। शहर में स्ट्रीट लाइटों की भारी किल्लत से हालात बिगड़ गए हैं। गिने-चुने मुख्य मार्गों को छोड़कर अधिकांश जगह अंधेरा पसरा हुआ है। स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन ने स्ट्रीट लाइटों की आपूर्ति का टेंडर तो कर दिया था, लेकिन ठेका लेने वाली फ्लोरिडा कंपनी द्वारा गलत लाइटें भेजे जाने से समस्या और बढ़ गई।
निगम की विद्युत शाखा के अमले ने उपलब्ध लाइटों के आधार पर मरम्मत का काम कराया है। फिलहाल मुख्य फोकस मेन रोड पर है, जबकि गली-मोहल्लों और कालोनियों में लाइटों की मरम्मत दीपावली के बाद ही हो पाएगी।
दरअसल, फ्लोरिडा कंपनी ने शुक्रवार को 1900 लाइटें भेजीं, लेकिन उनमें से केवल 200 ही उपयोग में लाई जा सकीं। बाकी 1700 लाइटें ग्वालियर में स्ट्रीट लाइटिंग के अनुकूल नहीं थीं और उन्हें वापस करना पड़ा। ऐसे में निगम के पास सीमित संख्या में ही लाइटें बची हैं, जिन्हें धीरे-धीरे बदला जा रहा है।
मैनपावर की कमी
मैनपावर की कमी भी समस्या बनी हुई है। आउटसोर्स टेंडर में देरी के चलते पर्याप्त अमला उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण मरम्मत और रिप्लेसमेंट का काम सुस्त गति से चल रहा है। फिलहाल शहर में लगी 62 हजार स्ट्रीट लाइटों में से 10 हजार बंद पड़ी हैं।
ये इलाके अंधेरे में
पटेल नगर से इनकम टैक्स होते हुए एसबीआई रीजनल कार्यालय तक का मार्ग।
राज्य स्वास्थ्य प्रबंधन संस्थान के सामने सचिन तेंदुलकर मार्ग।
राजमाता चौराहा से एजी पुल जाने वाला मार्ग।
महलगांव, पंत नगर, कर्मचारी आवास कालोनी, प्रधानमंत्री आवास कालोनी की सड़कें।
हरिशंकरपुरम, माधव नगर, चेतकपुरी इलाके।