Gwalior Railway News: ग्वालियर, नईदुनिया प्रतिनिधि। 117 साल पुरानी ग्वालियर से श्योपुर के बीच चलने वाली नैरोगेज ट्रेन की पटरी को अब हटाया जाएगा। इसका आदेश रेलवे बोर्ड से मंडल के अफसरों को मिल चुका है। जल्द ही मोतीझील से श्योपुर के बीच पटरी हटाने का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। ग्वालियर से श्योपुर के बीच यह लाइन 1904 में डाली गई थी, जो ग्वालियर-श्योपुर के बीच बसे 200 गांव के लोगों के लिए आवागमन का साधन थी, लेकिन अगस्त 2021 में आई बाढ़ के कारण उफान पर आई नदियों का तेज बहाव कुछ स्थानों पर नैरोगेज ट्रैक के नीचे से जमीन(मिट्टी) को अपने साथ ले गया। रेलवे ने अब इस लाइन का संधारण कराने की अपेक्षा इसे हटाने का निर्णय लिया है जिससे ब्राडगेज के काम में तेजी आ सके। वहीं ग्वालियर से इटावा के बीच लाइन पर लंबे समय से चल रहे इलेक्ट्रिकल का काम लगभग पूरा हो गया है। सोमवार-मंगलवार की रात उदी मोड़ तक इलेक्ट्रिकल इंजन चलाकर ट्रायल लिया जाएगा। सब कुछ ठीक रहा तो चीफ कमिश्नर रेलवे द्वारा इसका निरीक्षण किया जाएगा। अभी तक इस लाइन पर डीजल इंजन दौड़ता था।
डेढ़ साल से बंद है नैरोगेज ट्रेनः मार्च 2020 में कोरोना की दस्तक के साथ ही नैरोगेज का संचालन बंद कर दिया गया था। इसके बाद से इस लाइन पर नैरोगेज नहीं दौड़ी, जबकि इस ट्रेन के सहारे लोग श्योपुर से ग्वालियर की यात्रा कम दाम में आसानी से तय कर लेते थे। इस लाइन पर तीन गाड़ियों का संचालन हो रहा था। शहर के नैरोगेज ट्रैक को रेलवे ने प्रशासन को सौंप दिया गया है।
नैरोगेज से ब्रॉडगेज में तेजी से होगा परिवर्तनः गेज परिवर्तन को लेकर पिछले 20 साल से कवायद चल रही है। गेज परिवर्तन को लेकर कई बार राजनीतिक आंदोलन, धरना प्रदर्शन तक हो चुके हैं। हार बार ब्राडगेज का किसी ने विरोध किया तो किसी ने इसका सपोर्ट किया। धरोहर के तौर पर इसे पुरानी छावनी तक चलाने की बात भी रखी गई। पर्यटन के लिहाज से वर्ष 2015-16 में 10 लाख रुपये खर्च कर दो कोच भी तैयार किए गए थे, लेकिन यह दो कोच टूरिस्ट को लेकर तो ट्रैक पर नहीं दौड़ सके। हालांकि इन कोच से दो बार अफसर निरीक्षण जरूर कर आए हैं। ब्राडगेज लाइन का सर्वे कार्य कई बार हो चुका है। हर बार थोड़ा-बहुत फंड भी जारी हुआ और रेलवे द्वारा ब्राडगेज तैयार करने की दिशा में ठोस कदम भी उठाया।
वर्जन-
नैरोगेज लाइन का संधारण नहीं किया जाएगा, अब उसे हटाया जाएगा। जिससे ब्राडगेज का काम तेजी से हो सके। यह निर्णय रेलवे द्वारा लिया गया है। जल्द ही लाइन हटाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। ग्वालियर-इटावा लाइन पर इलेक्ट्रिकल का काम लगभग पूरा हो चुका है। जल्द ही ट्रायल के बाद डीजल इंजन का परिचालन बंद कर दिया जाएगा।
मनोज कुमार सिंह जनसंपर्क अधिकारी रेलवे