Gwalior Railway News: अजय उपाध्याय, ग्वालियर नईदुनिया। नैरोगेज का परिचालन बंद होते ही नैरोगेज रेलवे स्टेशन अब खाली होने लगे हैं। नैरोगेज स्टेशन से सामान हटाया जा रहा है। शनिवार को घोसीपुरा स्टेशन से सामान हटा दिया गया है, अब पुरानी छावनी और उसके बाद अन्य स्टेशनों से सामान हटाने का काम किया जाएगा। अगस्त माह में ग्वालियर चंबल अंचल में आई बाढ़ के कारण नैरोगेज की लाइन चंबल नदी के बहाव में बह गई थी। इधर रेलवे पहले से ही नैरोगेज को बंद करने में मूड़ में थी। जब नैरोगेज लाइन ही बह गई तो रेलवे ने तत्काल निर्णय ले लिया कि संधारण का काम न करते हुए नैरोगेज का संचालन बंद कर दिया जाए और ब्राडगेज के काम में तेजी लाई जाए। जिससे ब्राडगेज का काम तेजी से होगा, तो आने वाले समय श्योपुर और ग्वालियर का रेल कनेक्शन बन जाएगा। जिससे यात्रियों को लाभ होगा और रेलवे को भी माल ढ़ाने में भी कोटा तक आसानी होगी और यात्री गाड़ियाें को यात्री भी मिलेंंगे। इन सभी मुद्दाें को लेकर नैरोगेज के काम को बंद कर ब्राडगेज के काम में तेजी लाई जा रही है। नैरोगेज लाइन की पटरी बाढ़ में बहने के बाद रेलवे ने नैरोगेज ट्रेन के परिचालन पर हमेशा के लिए रोक लगा दी है। अब नैरोगेज लाइन के स्थान पर ब्राडगेज लाइन का काम तेजी से चलेगा। नैरोगेज के परिचालन पर रोक लगते ही नैरोगेज स्टेशन से सामान हटाया जाने लगा है। सबसे पहले घोसीपुरा स्टेशन शनिवार को खाली कर दिया गया। स्टेशन पर संचालित होने वाला काउंटर तो पहले ही बंद था, जो सामान रखा हुआ था, उसे भी हटावा दिया गया है। मंडल अधिकारियों का कहना है कि आगे अन्य छोटे स्टेशनों से भी सामान हटाया जाएगा, क्योंकि जब रेलगाड़ी का परिचालन ही नहीं होना तो फिर सामान रखे रहने का कोई मतलब नहीं है।