Gwalior Railway News ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। बुदनी-बरखेड़ा के बीच तीसरी रेल लाइन बिछाने का काम पूरा करने के लिए पश्चिम-मध्य रेलवे जोन ने तीन दिन के भीतर कई ट्रेनों को कैंसिल, परिवर्तित मार्ग से चलाने और आंशिक रूप से निरस्त किया। इस वजह से करीब लगभग दो हजार यात्रियों को 120 दिन पहले बुक करवाए रिजर्व टिकट कैंसिल करवाने पड़े। इनमें से अधिकतर यात्रियों ने विकल्प के रूप में उपलब्ध अन्य ट्रेनों में अपने आरक्षण भी करवा लिए। जिन यात्रियों ने नए टिकट कराकर पुराने टिकट कैंसिल नहीं कराए थे, ट्रेनें बहाल होने के बाद अब उनके पास दो-दो टिकट हो गए हैं।
रेलवे ने बीते मंगलवार देर रात इन ट्रेनों को बहाल करने की घोषणा कर दी। इसका खामियाजा यह हुआ कि पहले बुक किया गया यात्रियों का रिजर्व टिकट भी री-स्टोर हो गया। इस तरह एक यात्री के पास दो रिजर्व टिकट हो गए। दरअसल, रेलवे द्वारा जब इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट वर्क किया जाता है, तो उसके लिए रेल मंडल से लेकर जोन और फिर वहां से रेलवे बोर्ड तक से अनुमति लेनी होती है। इस पूरी प्रक्रिया में एक से डेढ़ महीने तक का समय लगता है। यदि इस अवधि के दौरान कोई त्योहार आ जाए, तो ट्रेनों को बहाल करने का दबाव बन जाता है। इस तरह रेलवे को अपना निर्णय बदलना पड़ता है। यहां यात्रियों के साथ समस्या यह हुई कि उन्होंने अधिकतम 120 दिन पहले कंफर्म टिकट बुक कराया। ट्रेन रद होने की घोषणा से कंफर्म टिकट भी कैंसिल हो गए और रिफंड की प्रक्रिया शुरू की गई। टिकट कैंसिल होने से यात्रियों ने अन्य ट्रेनों में आरक्षण कराए, लेकिन ट्रेनें बहाल होने से यात्री का पहले वाला टिकट भी मान्य हो गया। अब यात्रियों के पास दो-दो टिकट हो गए। इनमें से एक को कैंसिल करने पर कैंसिलेशन का चार्ज कटेगा।