Gwalior Railway News: ग्वालियर (नप्र)। उत्तर मध्य रेलवे झांसी मंडल के अपर मंडल रेल प्रबंधक परिचालन (एडीआरएम) आरडी मौर्य ने शुक्रवार की शाम ग्वालियर रेलवे स्टेशन का औचक निरीक्षण कर छठ पर्व पर प्लेटफार्म व ट्रेनों में भीड़ प्रबंधन के लिए की गई तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने प्लेटफार्म पर खड़ी ट्रेन में चेन पुलिंग के बाद ब्रेक रिलीज करने की प्रक्रिया को देखने के साथ ही रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) व शासकीय रेल पुलिस (जीआरपी) के जवानों को सतर्क रहने के निर्देश दिए।
एडीआरएम ने टिकट जांच कर्मियों को प्लेटफार्म पर विशेषकर जनरल कोच और अधिक भीड़ वाले स्थान पर यात्रियों की सुविधा के लिए तैनात रहने के निर्देश दिए। उन्होंने यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने और उतरने में यथासंभव सहयोग करने को कहा। उन्होंने स्टेशन पर औचक निरीक्षण कर सभी प्लेटफार्म पर गाड़ियों के आगमन पर रेलकर्मियों के साथ ही आरपीएफ व जीआरपी स्टाफ की टीम की मुस्तैदी की परख की। उन्हें विशेष हिदायत देते हुए कहा कि गाड़ी के सामान्य कोचों पर कम से कम एक सुरक्षाकर्मी व टिकट जांच कर्मी जरूर तैनात रहेगा। अनाउंसमेंट से लगातार यात्रियों को ज्वलनशील पदार्थ आदि लेकर यात्रा न करने के लिए जागरूक करने के निर्देश दिए। इस दौरान स्टेशन निदेशक लालाराम सोलंकी, स्टेशन प्रबंधक सहित अन्य निरीक्षक व पर्यवेक्षक मौजूद थे।
दीपावली के दिन बुंदेलखंड एक्सप्रेस के एसी कोच में लगी आग की घटना के बाद एडीआरएम ने ट्रेनों के स्पेयर कोचों में लाकिंग व्यवस्था का निरीक्षण किया। उन्होंने यार्ड में खड़ी ट्रेनों का भी जायजा लिया और संबंधित स्टाफ को लाकिंग व्यवस्था के लिए सतर्क और सजग रहने के निर्देश दिए। उन्होंने प्लेटफार्म क्रमांक चार की ओर तैयार की जा रही वाशेबल एप्रन के साथ ही स्टेशन पुनर्विकास योजना के अंतर्गत केपीसी इंफ्रा कंपनी द्वारा कराए जा रहे कार्यों का भी निरीक्षण किया।
भाईदूज पर मायके आई बहनों को बसें नहीं मिलने पर वापस लौटने में परेशानी का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं प्रशासन के इंतजाम करने के दावे धड़ाम हो गए। बस के लिए मारामारी और घंटों इंतजार के बाद भी बस नहीं मिलने से यात्री बेहाल नजर आए। निजी बस स्टैंड पर यात्री परेशान दिखे। ग्रामीण क्षेत्रों में डग्गामार वाहनों ने मनमाना किराया वसूलकर लोगों को गंतव्य तक पहुंचाया। स्थानीय रूटों के साथ झांसी, शिवपुरी, दतिया व अन्य रूटों पर पर्याप्त बसें उपलब्ध नहीं होने से ज्यादा दिक्कत हुई। दरअसल, मतदान कराने के लिए 800 बसों को 14 नवंबर को ही अधिग्रहित कर लिया गया था। इससे लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।